Edited By Supreet Kaur,Updated: 10 Aug, 2019 09:28 AM
भारत को अगले दस साल में कार्यबल में महिलाओं की हिस्सेदारी को बढ़ाकर 48 प्रतिशत के वैश्विक स्तर तक ले जाने की जरूरत है। इससे जीडीपी वृद्धि में 700 अरब डॉलर का इजाफा होगा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को यह बात कही। नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कां.......
नई दिल्लीः भारत को अगले दस साल में कार्यबल में महिलाओं की हिस्सेदारी को बढ़ाकर 48 प्रतिशत के वैश्विक स्तर तक ले जाने की जरूरत है। इससे जीडीपी वृद्धि में 700 अरब डॉलर का इजाफा होगा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को यह बात कही। नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि नौ-दस प्रतिशत की उच्च दर से वृद्धि आधी आबादी की भागीदारी के बगैर मुमकिन नहीं है।
उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर यह सुनिश्चित करना पुरूषों का काम है कि महिलाओं को नेतृत्व करने का अवसर मिले। कांत ने इस साल के वुमेन ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया (डब्ल्यूटीआई) अवार्ड के लिए प्रविष्टियों की शुरुआत करते हुए कांत ने कहा, ''महिलाओं की भूमिका बहुत अहम रहने वाली है क्योंकि अगले एक दशक में भारत में कार्यबल में साढ़े सात करोड़ महिलाएं आनी चाहिए। वर्तमान में केवल 27 प्रतिशत महिलाएं ही कार्यबल में हैं और हमें इसे 48 प्रतिशत के वैश्विक औसत पर लाना है।'' उन्होंने कहा, ''अगर आप उसे 48 प्रतिशत कर पाते हैं तो हम अपनी अर्थव्यवस्था में 700 अरब डॉलर जोड़ेंगे।''