Edited By jyoti choudhary,Updated: 23 Apr, 2022 03:19 PM
गंभीर वित्तीय संकट से जूझ रहे श्रीलंका की मदद के लिए भारत उसे ईंधन खरीद के लिए 50 करोड़ डॉलर की अतिरिक्त ऋणसुविधा देने के लिए राजी हो गया है। श्रीलंका के वित्त मंत्री अली साबरी ने शुक्रवार को इसकी जानकारी देते हुए कहा कि भारत से मिलने वाली
कोलंबोः गंभीर वित्तीय संकट से जूझ रहे श्रीलंका की मदद के लिए भारत उसे ईंधन खरीद के लिए 50 करोड़ डॉलर की अतिरिक्त ऋणसुविधा देने के लिए राजी हो गया है। श्रीलंका के वित्त मंत्री अली साबरी ने शुक्रवार को इसकी जानकारी देते हुए कहा कि भारत से मिलने वाली इस ऋणसुविधा का इस्तेमाल कच्चे तेल के आयात के लिए किया जाएगा। विदेशी मुद्रा के अभाव में श्रीलंका अपनी ईंधन जरूरत के लिए तेल भी आयात नहीं कर पा रहा है।
हालांकि श्रीलंका ने अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) से त्वरित वित्तीय मदद के लिए गुहार लगाई हुई है लेकिन इस राहत पैकेज पर बातचीत में हो रही देरी को देखते हुए भारत ने अपनी तरफ से उसे 50 करोड़ डॉलर की अतिरिक्त ऋणसुविधा दी है। भारत ने इसके पहले फरवरी में भी श्रीलंका को ईंधन खरीद के लिए 50 करोड़ डॉलर की ऋणसुविधा दी थी। उस राशि से श्रीलंका ने भारतीय तेल कंपनी इंडियन ऑयल से तेल की खरीदारी की है लेकिन अब वह राशि भी खत्म होने के कगार पर पहुंच चुकी थी। इस लिहाज से भारत की तरफ से दी गई अतिरिक्त ऋणसुविधा से श्रीलंका को संकट से उबरने में थोड़ी मदद मिलेगी।
भारत से और मदद की उम्मीद
फिलहाल आईएमएफ से मदद के लिए बातचीत के लिए वाशिंगटन में मौजूद साबरी ने इसके साथ ही उम्मीद जताई कि भारत एक अरब डॉलर की एक और ऋणसुविधा देने पर भी विचार करेगा। भारत पहले ही आयात भुगतान के एवज में 1.5 अरब डॉलर का भुगतान रोकने के लिए राजी हो गया है। उसने शुक्रवार को श्रीलंका के लिए इस साल जनवरी में दिए 40 करोड़ डॉलर की मुद्रा अदला-बदली सुविधा की अवधि बढ़ा दी है। श्रीलंका को अपनी बढ़ती आर्थिक परेशानियों से निपटने के लिए कम से कम चार अरब डॉलर की मदद की आवश्यकता है और साबरी वित्तीय सहायता के लिए चीन तथा जापान जैसे देशों के साथ ही विश्व बैंक एवं आईएमएफ जैसे अंतरराष्ट्रीय संस्थानों से भी बातचीत कर रहे हैं।
साबरी ने कहा, ‘‘अगले नौ महीने हमारे लिए मुश्किल रहेंगे। इस दौरान हमें श्रीलंकाई केंद्रीय बैंक में अमेरिकी डॉलर में अधिक निवेश लाने की आवश्यकता है। हम कई देशों से बातचीत कर रहे हैं। अगर ये प्रयास सफल होते हैं और अगर केंद्रीय बैंक में दो अरब डॉलर का निवेश आता है तो इससे हमारी मुद्रा का अवमूल्यन नहीं होगा और वह स्थिर हो जाएगा।'' श्रीलंका ने 12 अप्रैल को इतिहास में पहली बार अपनी कर्ज भुगतान सेवा निलंबित कर दी। श्रीलंका में अभूतपूर्व वित्तीय संकट के कारण खाद्यान्न की कमी, बढ़ती ईंधन की कीमतों और बिजली कटौती के कारण हाल के हफ्तों में सरकार विरोधी व्यापक प्रदर्शन हुए हैं।