Edited By ,Updated: 22 Jul, 2016 04:15 PM
भारत सतत विकास लक्ष्य (एस.डी.जी.) प्राप्त करने के मामले में पीछे है और इस सूचकांक में वह 149 देशों में 110वें स्थान पर है
संयुक्त राष्ट्र: भारत सतत विकास लक्ष्य (एस.डी.जी.) प्राप्त करने के मामले में पीछे है और इस सूचकांक में वह 149 देशों में 110वें स्थान पर है जबकि स्वीडन को शीर्ष स्थान हासिल हुआ। सूचकांक से स्पष्ट है कि सभी देशों को इन महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को प्राप्त करने के मामले में प्रमुख चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
सतत विकास समाधान नैटवर्क (एस.डी.एस.एन.) और बर्टल्समैन स्टिफटंग ने नया सतत विकास सूचकांक पेश किया ताकि सतत विकास लक्ष्य की प्रगति का आंकलन हो सके और उत्तरदायित्व सुनिश्चित हो। सूचकांक ने 149 देशों के आंकड़ों का संग्रह किया ताकि इसका आंकलन हो सके कि 2016 में हर देश सतत विकास लक्ष्य के मामले में कहां खड़े हैं।
सूचकांक में विभिन्न देशों के 17 वैश्विक लक्ष्यों के मामले में उनके प्रदर्शन के आधार पर रैंकिंग प्रदान की गई है जो सतत विकास के तीन आयामों- आर्थिक विकास, सामाजिक समावेश और पर्यावरण वहनीयता- से जुड़े हैं। एसडीएसएन के निदेशक जेफ्री साक्स ने कहा कि सूचकांक से विभिन्न देशों को जल्द उठाए जाने वाले कदमों की प्राथमिकता की पहचान करने में मदद मिलती है और इससे स्पष्ट होता है कि विभिन्न देशों के सामने सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में प्रमुख चुनौतियां हैं।
सूचकांक से देश को लक्ष्य प्राप्त करने के लिए व्यावहारिक मार्ग तलाशने में मदद मिल सकती है। जो देश लक्ष्यों को हासिल करने के करीब हैं वे सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं नहीं बल्कि अपेक्षाकृत छोटे और विकसित देश हैं। इस सूचकांक में स्वीडन पहले स्थान पर है, जिसके बाद डेनमार्क और नार्वे 3 शीर्ष स्थानों पर हैं।
इस सूची में जर्मनी (छठा स्थान) और ब्रिटेन (10वां स्थान) ही सिर्फ एेसे देश हैं जो शीर्ष 10 में शाामिल हैं। अमरीका सूचकांक में 25वें स्थान पर है जबकि रूस 47वें और चीन 76वें स्थान पर है। भारत 110वें स्थान पर जबकि लेसोथो 113वें, पाकिस्तान 115वें, बंगलादेश 118वें और अफगानिस्तान 139वें स्थान पर है। गरीब और विकासशील देश सतत विकास सूचकांक में सबसे निचले स्तर पर हैं और यह बात समझी जा सकती है क्योंकि उनके पास अक्सर अपेक्षाकृत कम संसाधन होते हैं। सैंट्रल एफ्रीकन रिपब्लिक और लाइबेरिया इस सूचकांक में सबसे निचले स्थान पर हैं और उन्हें अभी भी सतत विकास लक्ष्य प्राप्त करने के लिए काफी लंबा सफर तय करना होगा।