इंडिया रेटिंग्स ने घटाया भारतीय आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान

Edited By jyoti choudhary,Updated: 30 Mar, 2022 03:42 PM

india ratings slashes indian economic growth rate

यूक्रेन संकट के कारण उत्पन्न समस्यायों के बीच क्रेडिट रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्स ने अगले वित्त वर्ष में भारत की वृद्धि के अपने अनुमान को घटाकर 7.0-7.2 प्रतिशत कर दिया है। इससे पहले मंगलवार को रेटिंग इजेंसी इकरा ने भारत के जीडीपी वृद्धि के अनुमान...

बिजनेस डेस्कः यूक्रेन संकट के कारण उत्पन्न समस्यायों के बीच क्रेडिट रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्स ने अगले वित्त वर्ष में भारत की वृद्धि के अपने अनुमान को घटाकर 7.0-7.2 प्रतिशत कर दिया है। इससे पहले मंगलवार को रेटिंग इजेंसी इकरा ने भारत के जीडीपी वृद्धि के अनुमान को 8 से घटाकर 7.2 प्रतिशत कर दिया था। इंडिया रेटिंग्स ने दो तरह की परिस्थितियों को सामने रखकर अलग-अलग अनुमान लगाए हैं। इस एजेंसी की बुधवार को जारी रिपोर्ट में एक अनुमान तेल के दामों के तीन माह तक ऊंचा रहने और दूसरे में छह माह तक ऊंचा रहने की मान्यता के आधार पर है। 

पहली मान्यता के अनुसार 2022-23 में आर्थिक वृद्धि 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है जबकि दूसरी परिस्थिति में रेटिंग एजेंसी का अनुमान है कि देश की आर्थिक वृद्धि घटकर 7.0 प्रतिशत रह सकती है। एजेंसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि इन दोनों परिस्थितियों में भारत की अर्थव्यवस्था का आकार दीर्घकालीन प्रवृति की संभावनाओं की तुलना में क्रमश: 10.6 प्रतिशत और 10.8 प्रतिशत कम रहेगा। इंडिया रेटिंग के प्रधान अर्थशास्त्री और निदेशक (लोक वित्त) सुनील कुमार सिन्हा ने कहा कि निजी पूर्ण उपभोग व्यय (पीएफसीसी) के अनुसार वित्त वर्ष 2021-22 में उपभोग की मांग धीमी रही। यद्यपि वर्ष के दौरान त्योहारी सीजन में कुछ चुनिंदा टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुओं की मांग में तेजी देखी गई।

उन्होंने कहा, "उन्होंने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक के उपभोक्ता आत्मविश्वास सर्वेक्षण के जनवरी 2022 के चक्र में वर्तमान स्थिति सूचकांक में हल्का सुधार दिखा लेकिन अब भी यह निराशा के क्षेत्र में बना हुआ है। जनवरी 2022 में कोविड-19 के संक्रमण के फिर बढ़ने से प्रत्याशा सूचकांक में भी नरमी आई।" इंडिया रेटिंग्स का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2022-23 में पीएफसीई में पहले और दूसरे परिद्दश्य में क्रमश: 8.1 प्रतिशत और 8.2 प्रतिशत की वृद्धि होगी जबकि पहले इसमें 9.4 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया गया था। एजेंसी का अनुमान है कि रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण जिंसों के भाव में उछाल और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला के बाधित होने से बड़ी कंपनियों के उत्साह पर असर पड़ेगा और वे पूंजी निवेश की योजनाओं को टाल सकती हैं। 
 

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