Edited By rajesh kumar,Updated: 08 Sep, 2020 04:26 PM
भारत और चीन के बीच बढ़ रहे विवाद के बीच केंद्र सरकार के राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने चीन की एक कंपनी को अयोग्य घोषित कर दिया है। पश्चिम बंगाल में गंगा नदी पर पर एक निर्माणाधीन पुल का गार्डर गिरने के मामले में कंपनी जिम्मेदार पाई गई थी।
नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच बढ़ रहे विवाद के बीच केंद्र सरकार के राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने चीन की एक कंपनी को अयोग्य घोषित कर दिया है। पश्चिम बंगाल में गंगा नदी पर पर एक निर्माणाधीन पुल का गार्डर गिरने के मामले में कंपनी जिम्मेदार पाई गई थी। अब कंपनी अगले तीन साल तक NHAI की किसी भी परियोजना में भाग नहीं ले सकती है। इसी के साथ तीन अन्य कंसलटेंट को भी डिबार किया गया है।
चीनी कंपनी गंगा पुल दुर्घटना की दोषी
NHAI से मिली जानकारी के अनुसार, पश्चिम बंगाल में एनएच 34 पर फरक्का से रानीगंज के हिस्से को फोरलेन सड़क में बदला जा रहा है और इसी हिस्से में गंगा नदी पर एक पुल बनाया जा रहा है। उसी पुल पर गार्डर लांचिंग के दौरान बीते 16 फरवरी को दुर्घटना हुई थी और दो लोगों की जान चली गई थी। इसके बाद पुल के विशेषज्ञों द्धारा जांच करने पर चीन की यह कंपनी दोषी पाई गई।
इन पर गिरी गाज
NHAI ने इस परियोजना को कार्यरुप दे रही चीन की कंपनी क्विंगदाओ कंस्ट्रक्शन इंजीनियरिंग (Qingdao Construction Engineering) ग्रुप कंपनी लिमिटेड और घरेलू कंपनी आरकेईसी प्रोजेक्ट्स लिमिटेड (RKEC Projects Ltd) पर संयुक्त रूप से भविष्य में किसी परियोजना में भागीदार बनने से रोक लगा दी है। दोनों कंपनियां अलग रुप संयुक्त रुप से अगले तीन साल तक NHAI की किसी भी निविदा में बोली नहीं लगा सकती है।
ये रही कमी
इस परियोजना में हुई दुर्घटना के बाद एनएचएआई ने मामले की जांच के लिए पुल विशेषज्ञ दल की नियुक्ति की थी। विशेषज्ञ ने अपनी जांच में घटना के जिम्मेदार ठेकेदार, डिजाइन कंसलटेंट और लॉन्चिंग गार्डर के डिजाइनर के बीच कोओर्डिनेशन की कमी को पाया। जांच में ठेकेदार और कंसलटेंट को डिजाइन और लॉन्चिंग गार्डर प्रणाली में दोष के लिए जिम्मेदार ठहराया गया। जांच के दौरान वह इस असफलता के लिए कोई ठोस कारण पेश नहीं कर सके थे।