Edited By jyoti choudhary,Updated: 11 Nov, 2018 12:32 AM
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि नोटबंदी और माल एवं सेवा कर (जीएसटी) दो ऐसे प्रमुख कारण हैं, जिनकी वजह से भारत की आर्थिक वृद्धि में पिछले साल रुकावट आई है।
वॉशिंगटनः भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि नोटबंदी और माल एवं सेवा कर (जीएसटी) दो ऐसे प्रमुख कारण हैं, जिनकी वजह से भारत की आर्थिक वृद्धि में पिछले साल रुकावट आई है। उन्होंने कहा कि मौजूदा 7 प्रतिशत की वृद्धि दर देश की जरूरत को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है।
बर्कले में यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राजन ने कहा कि 2012 से 2016 तक भारत सबसे तेज दर से वृद्धि करने वाला देश था, यह वह समय था जब देश में नोटबंदी और जीएसटी जैसे कदम नहीं उठाए गए थे। उन्होंने कहा कि नोटबंदी और जीएसटी ने भारत में आर्थिक वृद्धि पर गंभीर असर डाला है। भारत की वृद्धि दर में गिरावट आई और रोचक बात यह है कि यह ऐसे समय में हुआ जब वैश्विक अर्थव्यवस्था में वृद्धि हो रही थी।
उन्होंने कहा कि भारत में इस समय 7 प्रतिशत वृद्धि दर को बहुत मजबूत वृद्धि दर बताया जा रहा है, जबकि हकीकत यह है कि श्रम बाजार में जिस तरह के लोग आ रहे हैं और उनके लिए जितने रोजगार की जरूरत है, इसे देखते हुए 7 प्रतिशत की वृद्धि दर पर्याप्त नहीं है। इससे अधिक दर से वृद्धि की आवश्यकता है और इस स्तर से संतुष्ट नहीं हुआ जा सकता।
उन्होंने कहा कि वैश्विक वृद्धि के लिए भारत बहुत संवेदनशील है, भारत अब बहुत खुली अर्थव्यवस्था वाला देश बन चुका है और यदि दुनिया वृद्धि करती है तो भारत अधिक तेजी से वृद्धि करेगा। 2017 में क्या हुआ, जब दुनिया आगे बढ़ रही थी, लेकिन भारत पीछे जा रहा था। इसका कारण था नोटबंदी और जीएसटी, जिसने वास्तव में भारत की अर्थव्यवस्था पर बहुत बुरा असर डाला।