'वर्ष 2030 तक देश में खाद्य तेल खपत 3.40 करोड़ टन से ऊपर निकल जाएगी’

Edited By jyoti choudhary,Updated: 26 Jun, 2018 11:47 AM

india s edible oil consumption to exceed 34 mn ton by 2030

बढ़ती आबादी, आर्थिक विकास और खर्च योग्य आय बढऩे के कारण भारत की वनस्पति तेल खपत सालाना 3 प्रतिशत की दर से बढ़ती हुई वर्ष 2030 तक 3 करोड़ 40 लाख टन से ऊपर निकल जाएगी। एक रिपोर्ट में यह अनुमान व्यक्त किया गया है।

बिजनेस डेस्कः बढ़ती आबादी, आर्थिक विकास और खर्च योग्य आय बढऩे के कारण भारत की वनस्पति तेल खपत सालाना 3 प्रतिशत की दर से बढ़ती हुई वर्ष 2030 तक 3 करोड़ 40 लाख टन से ऊपर निकल जाएगी। एक रिपोर्ट में यह अनुमान व्यक्त किया गया है। 

राबो रिसर्च रिपोर्ट 'भारत के खाद्य तेल उद्योग का भविष्य: वर्ष 2030 तक कहां पहुंचेगी वनस्पति तेल की मांग' में कहा गया है, 'बढ़ती आय, शहरीकरण, खान-पान की बदलती आदतें तथा प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों की देश में बढ़ती मांग, देश में भविष्य में खाद्य तेल की खपत बढऩे के प्रमुख कारक होंगे।' इसमें कहा गया है कि 2017 में देश में वनस्पति तेल खपत 2.3 करोड़ टन रही।

रिपोर्ट में कहा गया है कि घरेलू स्तर पर वनस्पति तेलों की आपूर्ति में ठहराव रहने से अगले एक दशक के दौरान मांग और आपूर्ति के फासले को भरने के लिए बड़ी मात्रा में आयात जारी रहेगा। इसमें कहा गया है कि पाम तेल, सोया तेल और सूरजमुखी तेल का भविष्य में क्षेत्रीय बाजारों में प्रचलन बढऩे की उम्मीद है, जिसमें पैकबंद खाद्य तेल भविष्य के विकास में अग्रणी भूमिका निभाएंगे। 

राबो बैंक के विश्लेषक, अनाज और तिलहन, रोहित कुमार धंदा ने कहा, 'घरेलू तिलहन उत्पादन वृद्धि देश की बढ़ती मांग को पूरा नहीं कर सकती है। बढ़ती मांग और स्थिर घरेलू वनस्पति तेल आपूर्ति, जो कि पिछले दशक में 65 से 85 लाख टन के बीच रही है, इसके चलते वनस्पति तेल आयात वर्ष 2030 तक करीब 2.5 करोड़ टन तक पहुंच जाएगा जो कि वर्ष 2017 में 1.55 करोड़ टन रहा।’’ 

रिपोर्ट में कहा गया है कि कम घरेलू आपूर्ति को देखते हुए पामतेल, सोया तेल और सूरजमुखी के तेल का आयात कुल वनस्पति तेल आयात का 98 प्रतिशत से अधिक होगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि पामतेल, कम कीमत की वजह से सर्वाधिक आयात होने वाला वनस्पति तेल बना रहेगा जिसकी कम आय वाली आबादी में मांग है। इसके अलावा तत्काल खपत वाले उपभोक्ता माल (एफएमसीजी) क्षेत्र, मिश्रित वनस्पति तेल खंड और घर के बाहर इसकी खपत में वृद्धि भी पामतेल के सर्वाधिक आयात होने का कारण रहेंगे। इसमें कहा गया है कि खुदरा क्षेत्र में वर्तमान में पैक बंद या ब्रांडेड खाद्य तेल की खपत, कुल खाद्य तेल खपत का 40 प्रतिशत है, जो अगले 5 वर्षों में सालाना 6-8 फीसदी की दर से बढऩा जारी रखेगा।  

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