Edited By PTI News Agency,Updated: 13 Jun, 2020 12:48 PM
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार पांच जून को समाप्त सप्ताह में 8.22 अरब डॉलर बढ़कर पहली बार 500 अरब डॉलर के स्तर के पार हो गया। रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, इस दौरान विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर 501.70 अरब डॉलर हो गया। इस तेजी का कारण विदेशी मुद्रा...
मुंबईः भारत का विदेशी मुद्रा भंडार पांच जून को समाप्त सप्ताह में 8.22 अरब डॉलर बढ़कर पहली बार 500 अरब डॉलर के स्तर के पार हो गया। रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, इस दौरान विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर 501.70 अरब डॉलर हो गया। इस तेजी का कारण विदेशी मुद्रा आस्तियों में भारी वृद्धि है। विदेशी मुद्रा भंडार की यह धनराशि एक वर्ष के आयात के खर्च के बराबर है। इससे पिछले 29 मई को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 3.44 अरब डॉलर बढ़कर 463.48 अरब डॉलर हो गया था। पांच जून को समाप्त सप्ताह में देश की विदेशी मुद्रा आस्तियां 8.42 अरब डॉलर बढ़कर 463.63 अरब डॉलर हो गयीं।
भारत समेत दुनिया के सिर्फ पांच देशों के पास 500 अरब डॉलर से अधिक का विदेशी मुद्रा भंडार है।
- इसमें चीन 3,101 अरब डॉलर के साथ शीर्ष पर है।
- जापान 1,378 अरब डॉलर के साथ दूसरे,
- स्विटजरलैंड 848 अरब डॉलर के साथ तीसरे
- रूस 565 अरब डॉलर के साथ चौथे स्थान पर है जबकि भारत पाँचवें नंबर पर है।
देश का विदेशी मुद्रा भंडार फरवरी 2002 में पहली बार 50 अरब डॉलर पर पहुंचा था। दिसंबर 2003 में यह पहली बार एक सौ अरब डॉलर, अप्रैल 2007 में दो सौ अरब डॉलर और फरवरी 2008 में तीन सौ अरब डॉलर पर पहुंच गया। वैश्विक आर्थिक मंदी के दबाव में नवंबर 2008 तक एक बार फिर घटकर विदेशी मुद्रा भंडार 245 अरब डॉलर रह गया। यहां से दुबारा तीन सौ अरब डॉलर पर पहुंचने में सवा दो वर्ष का समय लगा। फरवरी 2011 में दुबारा यह तीन सौ अरब डॉलर पर पहुंचा। सितंबर 2017 में विदेशी मुद्रा भंडार पहली बार चार सौ अरब डॉलर के स्तर पर और 05 जून 2020 को समाप्त सप्ताह में पांच सौ अरब डॉलर पर पहुंचने में कामयाब रहा।
रिजर्व बैंक के अनुसार, 05 जून को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार के सबसे बड़े घटक विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति में 8.42 अरब डॉलर की वृद्धि हुई और सप्ताहांत पर यह 463.63 अरब डॉलर पर रहा। इस दौरान स्वर्ण भंडार 32.90 करोड़ डॉलर घटकर 32.35 अरब डॉलर रह गया। आलोच्य सप्ताह में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के पास आरक्षित निधि 12 करोड़ डॉलर बढ़कर 4.28 अरब डॉलर पर और विशेष आहरण अधिकार एक करोड़ डॉलर बढ़कर 1.44 अरब डॉलर पर पहुँच गया।