Edited By jyoti choudhary,Updated: 03 Feb, 2020 06:30 PM
रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग्स ने अगले वित्त वर्ष के लिए भारतीय जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 5.6 फीसदी कर दिया है। हाल ही में बजट से ठीक एक दिन पहले पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण में केंद्र सरकार ने जो अनुमान लगाया था, उसके मुकाबले यह कम है।
नई दिल्लीः रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग्स ने अगले वित्त वर्ष के लिए भारतीय जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 5.6 फीसदी कर दिया है। हाल ही में बजट से ठीक एक दिन पहले पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण में केंद्र सरकार ने जो अनुमान लगाया था, उसके मुकाबले यह कम है। फिच का मानना है कि केंद्र सरकार ने बजट में कुछ ऐसान ऐलान नहीं किया है, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था में बड़ी तेजी देखने को मिले। आर्थिक सर्वेक्षण में सरकार ने अगले वित्त वर्ष में जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 6-6.5 फीसदी लगाया है, जो कि चालू वित्त वर्ष में 5 फीसदी के अनुमान से अधिक है।
सरकार पर कुल GDP का 70% कर्ज
फिच रेटिंग्स के थॉमस रूकमाकर ने कहा, 'बजट में वित्त वर्ष 2021 के लिए ऐलान के मुताबिक फिस्कल स्लिपेज पहले के लक्ष्य के मुकाबले बहुत मामूली है। पिछले साल दिसंबर में जो हमने BBB- की रेटिंग दी थी, ये उसी को सही ठहराता है।' वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लगातार तीसरे साल भी वित्तीय घाटे के लक्ष्य को पूरा करने में असफल रही हैं। पहले तय किए गए 3.3 फीसदी की तुलना में इसे बढ़ाकर 3.8 फीसदी कर दिया गया है। 1 अप्रैल से शुरू होने वाले नए वित्त वर्ष के लिए यह 3.5 फीसदी तक किया गया है। फिच ने अनुमान लगाया है कि वित्त वर्ष 2022 में भी सरकारी कर्ज कुल जीडीपी का 70 फीसदी ही रहेगा।
मिल सकता है आर्थिक ग्रोथ को मोमेंटम
उन्होंने कहा कि बजट में ऐसा कुछ भी नहीं रहा कि हम भारत के आर्थिक ग्रोथ आउटलुक में बदलाव करें। हमने वित्त वर्ष 2020 के लिए आर्थिक विकास दर 4.6 फीसदी और वित्त वर्ष 2021 के लिए 5.6 फीसदी ही तय किया है। रिपोर्ट में कहा गया कि बजट में कुछ ऐसे प्रावधान हैं, जिसकी वजह से जीडीपी ग्रोथ को मोमेंटम पकड़ने में मदद मिल सकती है। इसमें इनकम टैक्स रेट्स में कटौती, विदेशी निवेश पर जोर, इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश और कुछ स्कीम्स की वजह से ग्रोथ में मोमेंटम आ सकती है। भारत सरकार इलेक्ट्रॉनिक्स और टेक्सटाइल क्षेत्र में मैन्युफैक्चरिंग को भी बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है।