अमरीकी प्रतिबंध: भारत की तेल कम्पनियों को 500 मिलियन डॉलर का घाटा

Edited By jyoti choudhary,Updated: 28 Sep, 2018 11:38 AM

india s oil companies lose 500 million

ईरान पर अमरीकी प्रतिबंधों के चलते मूडीज इन्वैस्टर्स सर्विस ने भारत की तेल कम्पनियों-इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (आई.ओ.सी.), भारत पैट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बी.पी.सी.एल.) और

नई दिल्ली: ईरान पर अमरीकी प्रतिबंधों के चलते मूडीज इन्वैस्टर्स सर्विस ने भारत की तेल कम्पनियों-इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (आई.ओ.सी.), भारत पैट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बी.पी.सी.एल.) और हिंदुस्तान पैट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एच.पी.सी.एल.) को करीब 500 मिलियन डॉलर का घाटा होने का अनुमान लगाया है।

अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमरीका को ऊर्जा समृद्ध ईरान के साथ एक ऐतिहासिक 2015 समझौते से बाहर कर लिया। गौरतलब है कि भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक है और ईराक व सऊदी अरब के बाद ईरान से आपूर्ति को बढ़ा रहा है।

मूडीज के अनुसार भारत ईरानी क्रूड के सबसे बड़े खरीदारों में से एक है। मार्च 2018 तक भारत ने वर्ष में 220.4 मिलियन मीट्रिक टन कच्चे तेल का आयात किया, जिनमें से 9.4 प्रतिशत ईरान से था। अप्रैल और अगस्त 2018 के बीच भारत ने 94.9 मिलियन टन कच्चे तेल का आयात किया, जिसमें से 14.4 प्रतिशत ईरान से था। मूडीज ने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि ईरान से कच्चे तेल के आयात की पूरी समाप्ति और बैरल पर प्रतिस्थापित होने पर कमाई पर 3 डॉलर प्रति बैरल नकारात्मक प्रभाव मानते हुए हम अनुमान लगाते हैं कि भारतीय रिफाइनरों के लिए कमाई में कुल गिरावट 400-500 मिलियन डॉलर होनी चाहिए।

यह ब्रेंट क्रूड ऑयल स्पॉट की कीमतों में 80 डॉलर प्रति बैरल अंक का उल्लंघन करने की पृष्ठभूमि में आता है और भारत में खुदरा डीजल व पैट्रोल की कीमतें हर दूसरे दिन नए रिकॉर्ड स्थापित करती रहती हैं। 

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