Edited By jyoti choudhary,Updated: 14 Feb, 2022 03:07 PM
देश का पाम तेल का आयात जनवरी में 29.15 प्रतिशत घटकर 5,53,084 टन पर आ गया। सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन (एसईए) ने सोमवार को यह जानकारी दी। हालांकि, इस दौरान आरबीडी पामोलीन के आयात में भारी बढ़ोतरी हुई है जिससे घरेलू रिफाइनरियों की परेशानी बढ़ी...
बिजनेस डेस्कः देश का पाम तेल का आयात जनवरी में 29.15 प्रतिशत घटकर 5,53,084 टन पर आ गया। सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन (एसईए) ने सोमवार को यह जानकारी दी। हालांकि, इस दौरान आरबीडी पामोलीन के आयात में भारी बढ़ोतरी हुई है जिससे घरेलू रिफाइनरियों की परेशानी बढ़ी है। भारत दुनिया का प्रमुख वनस्पति तेल खरीदार है। जनवरी, 2021 में भारत ने 7,80,741 टन पाम तेल का आयात किया था।
जनवरी में भारत का कुल वनस्पति तेल आयात 16 प्रतिशत बढ़कर 12.70 लाख टन पर पहुंच गया, जो एक साल पहले समान अवधि में 10.96 लाख टन रहा था। देश के कुल वनस्पति तेल आयात में 60 प्रतिशत से अधिक हिस्सा पाम तेल का है। एसईए के अनुसार, आरबीडी पामोलीन और कच्चे पाम तेल (सीपीओ) के बीच शुल्क के अंतर में कमी से आरबीडी पामोलीन के आयात में बढ़ोतरी हुई है। यह वृद्धि सीपीओ की कीमत पर हुई है।
सीपीओ घरेलू रिफाइनरियों के लिए कच्चा माल है। सीपीओ के आयात में कमी से घरेलू रिफाइनरियों प्रभावित होती हैं। सरकार ने दिसंबर, 2021 में परिष्कृत पाम तेल पर प्रभावी आयात शुल्क 19.25 प्रतिशत से घटाकर 13.75 प्रतिशत कर दिया है। हालांकि, इसके साथ-साथ सीपीओ पर आयात शुल्क नहीं घटाया गया है। एसईए ने कहा कि जनवरी-मार्च तिमाही के दौरान आरबीडी पामोलीन का 8-9 लाख टन का आयात हो सकता है। यह सीपीओ की कीमत पर होगा।