Edited By jyoti choudhary,Updated: 27 Apr, 2022 04:21 PM
देश का खुदरा उद्योग महामारी के प्रकोप से उबरने के बाद एक बार फिर वृद्धि के रास्ते पर चल पड़ा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, उद्योग का आकार 10 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि के साथ 2032 तक बढ़कर 2,000 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा। बीसीजी-आरएआई की रिपोर्ट के अनुसार...
मुंबईः देश का खुदरा उद्योग महामारी के प्रकोप से उबरने के बाद एक बार फिर वृद्धि के रास्ते पर चल पड़ा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, उद्योग का आकार 10 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि के साथ 2032 तक बढ़कर 2,000 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा। बीसीजी-आरएआई की रिपोर्ट के अनुसार खाद्य और किराना, रेस्तरां और त्वरित सेवा रेस्टोरेंट (क्यूएसआर), तथा टिकाऊ उपभोक्ता सामान जैसे कुछ खंड कोविड से पहले के स्तर से उबर गए हैं, जबकि आभूषण, परिधान और फुटवियर जैसे खंड पूरी तरह से पुनरुद्धार की राह पर हैं।
बीसीजी के प्रबंध निदेशक और वरिष्ठ भागीदार अभीक सिंघी ने कहा, ‘‘भारतीय अर्थव्यवस्था को खपत से बढ़ावा मिल रहा है और हम देख रहे हैं कि कोविड महामारी के चलते दो साल के ठहराव के बाद खपत में वृद्धि सकारात्मक हो गई है।'' उन्होंने कहा कि भारतीय खुदरा उद्योग का आकार अगले 10 वर्षों में लगभग 2,000 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा।
सिंघी के मुताबिक, अगले दशक में संगठित खुदरा विक्रेता ऑफलाइन और ऑनलाइन, जैसे सभी प्रारूपों पर ध्यान केंद्रित करेंगे। रिपोर्ट के अनुसार, भारत की खपत महामारी से पहले लगभग 12 प्रतिशत की दर से बढ़ रही थी और महामारी के दौरान नकारात्मक क्षेत्र में चली गई थी। रिपोर्ट में आगे कहा गया कि अब खपत 17 प्रतिशत की दर से बढ़ने के साथ महामारी-पूर्व के स्तर को पार कर गई है।