Edited By jyoti choudhary,Updated: 03 Jul, 2019 03:29 PM
देश की सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में जून महीने में मई 2018 के बाद पहली बार गिरावट दर्ज की गई है। इसकी वजह कमजोर बिक्री, प्रतिस्पर्धा का दबाव और प्रतिकूल कराधान रहा, जिसने उत्पादन को प्रभावित किया। बुधवार को जारी एक मासिक सर्वेक्षण में यह जानकारी दी...
नई दिल्लीः देश की सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में जून महीने में मई 2018 के बाद पहली बार गिरावट दर्ज की गई है। इसकी वजह कमजोर बिक्री, प्रतिस्पर्धा का दबाव और प्रतिकूल कराधान रहा, जिसने उत्पादन को प्रभावित किया। बुधवार को जारी एक मासिक सर्वेक्षण में यह जानकारी दी गई है।
आईएचएस मार्किट इंडिया सर्विसेज बिजनेस एक्टिविटी सूचकांक जून महीने में गिरकर 49.6 पर आ गया। मई महीने में यह 50.2 पर था। मोटे तौर पर सुस्त बिक्री की वजह से कारोबारी गतिविधियों में एक साल में पहली बार गिरावट आई है। सूचकांक का 50 से ऊपर रहना विस्तार का संकेत देता है जबकि 50 से नीचे का सूचकांक संकुचन को दर्शाता है।
आईएचएस मार्किट की प्रधान अर्थशास्त्री पोलयाना डी लीमा ने कहा, "भारत के हालिया पीएमआई नतीजे साल की शुरुआत में सेवा क्षेत्र में देखी गई मजबूत वृद्धि के स्थायित्व और कंपनियों के रोजगार सृजन की क्षमता पर संकट खड़ा करते हैं।" सेवा क्षेत्र में, व्यवसायिक गतिविधियों में गिरावट दर्ज की गई है। यह स्थिति बिक्री में सुस्ती के चलते है। लीमा ने कहा, "जीएसटी लागू होने के दो साल बाद भी कुछ कंपनियां मांग में नरमी को कर की उच्च दरों से जोड़ रही हैं। यह आश्चर्यजनक है।"
इस बीच, आईएचएस मार्किट कंपोजिट पीएमआई आउटपुट सूचकांक मई में 51.7 से गिरकर जून में 50.8 पर आ गया। यह एक साल का सबसे निचला स्तर है। यह सूचकांक विनिर्माण और सेवा क्षेत्र दोनों को दर्शाता है। लीमा ने कहा कि भारतीय सेवा प्रदाता आगामी महीनों में मांग में सुधार की उम्मीद कर रहे हैं।