PM मोदी ने कहा, भारत के पास 2022 तक 220 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता होगी

Edited By rajesh kumar,Updated: 08 Sep, 2020 09:14 PM

india to have 220 gw renewable energy capacity by 2022 modi

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के 2022 तक अपनी स्वच्छ ऊर्जा क्षमता को 134 गीगावाट से बढ़ाकर 220 गीगावाट कर लेने का भरोसा जताया। साथ ही उन्होंने प्रौद्योगिकी उन्नयन के जरिए आगे दरों में और कमी लाने की आवयकता पर बल दिया।

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के 2022 तक अपनी स्वच्छ ऊर्जा क्षमता को 134 गीगावाट से बढ़ाकर 220 गीगावाट कर लेने का भरोसा जताया। साथ ही उन्होंने प्रौद्योगिकी उन्नयन के जरिए आगे दरों में और कमी लाने की आवयकता पर बल दिया। मोदी पहले अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) के प्रथम विश्व सौर प्रौद्योगिकी शिखर सम्मेलन का उद्घाटन संबोधन देने वाले थे, लेकिन अन्य व्यस्तताओं के चलते ऐसा नहीं हो सका। नवीन और नवीकरणीय मंत्री आर. के. सिंह ने इस वर्चुअल सम्मेलन के उद्धाटन सत्र में मोदी का संदेश पढ़ा।

2022 तक हम इसे बढ़ाकर 220 गीगावाट करेंगे
मोदी का संदेश पढ़ते हुए सिंह ने कहा हमने अपने गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित ऊर्जा उत्पादन को बढ़ाकर 134 गीगावाट किया है। यह हमारे कुल बिजली उत्पादन का करीब 35 प्रतिशत है। हमें पूरा विश्वास है कि 2022 तक हम इसे बढ़ाकर 220 गीगावाट कर लेंगे। प्रधानमंत्री ने अपने संदेश में कहा प्रौद्योगिकी ने सौर ऊर्जा के उपयोग के स्तर को बढ़ाया है। उन्नत प्रौद्योगिकी ने सौर ऊर्जा की कीमतों में पहले ही कमी लायी है। लागत में आगे और कमी करने से नवीकरणीय ऊर्जा के विस्तार और उपयोग को बढ़ावा मिलेगा।

सौर ऊर्जा को देश के सभी गांवों तक पहुंचाना- मोदी
मोदी ने ‘एक विश्व, एक सूर्य, एक ग्रिड’ परियोजना का भी उल्लेख किया। इसका मकसद विभिन्न देशों के बीच स्वच्छ ऊर्जा की आपूर्ति की बड़ी व्यवस्था से है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आईएसए इस परियोजना का हिस्सा है जो पूरी मानवता के लिए बड़ा लाभकारी परिवर्तन ला सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार सौर ऊर्जा को देश के सभी गांवों तक ले जाना चाहती है और कृषि क्षेत्र में डीजल के स्थान पर स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देना चाहती है। इससे पहले कार्यक्रम में पेट्रोलियम एवं गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि सरकार उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सक्रियता से काम कर रही है। विशेषकर तेल एवं गैस कंपनियों को इस सौर बदलाव में भागीदार बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।

उन्होंने कहा हमारी तेल और गैस कंपनियां अपनी पूरी आपूर्ति श्रृंखला में सौर पैनलों को लगा रही है। अभी उनकी स्थापित उत्पादन क्षमता 270 मेगावाट है। आने वाले साल में 60 मेगावाट की अतिरिक्त क्षमता और जोड़ी जाएगी। प्रधान ने कहा हमने अगले पांच साल में सार्वजनिक क्षेत्र की तेल एवं गैस कंपनियों के 50 प्रतिशत पेट्रोल पंपों को सौर ऊर्जा से चलाने का मिशन रखा है। मंत्रालय के तहत आने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की पांच तेल एवं गैस कंपनियां आईएसए के सतत जलवायु कार्रवाई के लिए गठबंधन में कॉरपोरेट सहयोगी के तौर पर शामिल होंगी। प्रधान ने कहा कि तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी), इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम, हिंदुस्तान पेट्रोलियम और गेल इंडिया लिमिटेड आईएसए के कॉपर्स कोष में योगदान दे रही हैं।
 

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