Edited By jyoti choudhary,Updated: 02 Apr, 2022 06:07 PM
भारत ने शुक्रवार को विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) को बताया कि उसने धान किसानों को विपणन वर्ष 2020-21 में अतिरिक्त समर्थन देने के लिए डब्ल्यूटीओ के शांति उपबंध का उपयोग किया है। भारत ने अपनी गरीब आबादी की घरेलू खाद्य सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने...
नई दिल्लीः भारत ने शुक्रवार को विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) को बताया कि उसने धान किसानों को विपणन वर्ष 2020-21 में अतिरिक्त समर्थन देने के लिए डब्ल्यूटीओ के शांति उपबंध का उपयोग किया है। भारत ने अपनी गरीब आबादी की घरेलू खाद्य सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए ऐसा किया।
शांति उपबंध के तहत डब्ल्यूटीओ सदस्य देश विकासशील देशों द्वारा निर्धारित सीमा से अधिक सब्सिडी देने पर जिनेवा स्थित संगठन के विवाद निपटान मंच पर चुनौती नहीं दे सकते हैं। निर्धारित सीमा से अधिक सब्सिडी को कारोबार बिगाड़ने वाले के रूप में देखा जाता है। भारत जैसे विकासशील देशों के लिये यह सीमा खाद्य उत्पादन मूल्य का 10 प्रतिशत तय है।
भारत ने एक अधिसूचना में डब्ल्यूटीओ को सूचित किया है कि चावल उत्पादन का मूल्य 2020-21 में 45.57 अरब डॉलर था और उसने इसके लिए 6.9 अरब डॉलर मूल्य की सब्सिडी दी, जो निर्धारित सीमा 10 प्रतिशत से अधिक है।