Edited By Punjab Kesari,Updated: 05 Jun, 2017 10:50 AM
भारत दुनिया में चावल निर्यात के क्षेत्र थाईलैंड को पछाड़ कर न केवल पहले स्थान पर पहुंच गया है...
नई दिल्ली: भारत दुनिया में चावल निर्यात के क्षेत्र थाईलैंड को पछाड़ कर न केवल पहले स्थान पर पहुंच गया है बल्कि अब पोषण सुरक्षा को ध्यान में रखकर उसमें ऐसे तत्वों का समावेश किया जा रहा है जिससे कुपोषण की समस्या का भी समाधान हो। पिछले साल के दौरान पूरी दुनिया में बासमती और गैर-बासमती चावल के निर्यात में भारत का हिस्सा 28.2 प्रतिशत रहा जबकि कभी चावल निर्यात के क्षेत्र में शीर्ष पर रहे थाईलैंड का हिस्सा घटकर 23.7 प्रतिशत हो गया है। वैश्विक निर्यात में तकनीक के क्षेत्र में अव्वल रहने वाले अमरीका का 10.4 प्रतिशत, वियतनाम का 7.4 प्रतिशत और पाकिस्तान का 4.9 प्रतिशत हिस्सा है।
39.90 लाख टन बासमती चावल का किया निर्यात
कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के अनुसार देश से बेहतरीन खुशबू, स्वाद और लम्बाई के लिए मशहूर बासमती और गैर बासमती दोनों चावलों का निर्यात किया जाता है। वर्ष 2016-17 के दौरान 21,605 करोड़ रुपए के 39.90 लाख टन बासमती चावल का निर्यात किया गया जबकि 2015-16 में 22,718 करोड़ रुपए के 40.5 लाख टन का निर्यात किया गया था। वर्ष 2014-15 के दौरान 27,597 करोड़ रुपए के 37 लाख टन और 2013-14 के दौरान 37.5 लाख टन इस चावल का निर्यात किया गया था। वर्ष 2016-17 के दौरान 15,146 करोड़ रुपए मूल्य के गैर बासमती चावल का निर्यात किया गया था। इससे पूर्व 2015-16 में 15,129 करोड़ रुपए के 63.66 लाख टन गैर बासमती चावल का निर्यात हुआ था। वर्ष 2014-15 में 20,428 करोड़ रुपए के 82.74 लाख टन और 2013-14 में 17,749 करोड़ रुपए के गैर बासमती चावल का निर्यात किया गया।