उर्वरक उत्पादन में 2023 तक भारत होगा आत्मनिर्भर: गौड़ा

Edited By jyoti choudhary,Updated: 14 Sep, 2020 11:17 AM

india will be self sufficient in fertilizer production by 2023 gowda

केंद्रीय मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने रविवार को कहा कि 2023 तक भारत, उर्वरकों के उत्पादन में आत्मनिर्भर हो जाएगा। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत कार्यक्रम के तहत देश में 40,000 करोड़ रुपए की लागत से नई उर्वरक उत्पादन इकाइयों की स्थापना

नई दिल्लीः केंद्रीय मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने रविवार को कहा कि 2023 तक भारत, उर्वरकों के उत्पादन में आत्मनिर्भर हो जाएगा। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत कार्यक्रम के तहत देश में 40,000 करोड़ रुपए की लागत से नई उर्वरक उत्पादन इकाइयों की स्थापना की जा रही है जिससे आयात पर निर्भरता में भी कमी आएगी। 

कर्नाटक के किसानों पर इफको द्वारा आयोजित एक वेबिनार (इंटरनेट के जरिए आयोजित कार्यक्रम) में केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री गौड़ा ने कहा कि सरकार देश में जैविक और नैनो उर्वरकों के उत्पादन को प्रोत्साहित कर रही है, क्योंकि वे 25 से 30 प्रतिशत तक किफायती हैं, 18 से 35 प्रतिशत तक अधिक उपज देते हैं और मिट्टी की उर्वरता को भी बनाए रखते हैं। उन्होंने इफको के नैनो उर्वरक के उपयोग की सराहना करते हुए इसे पासा पलटने वाला बताया। इसका किसानों और कृषि विश्वविद्यालयों सकारात्मक प्रक्रिया मिली है। 

मंत्री ने कहा, ‘‘भारत 2023 तक उर्वरकों के उत्पादन में आत्मनिर्भर हो जाएगा क्योंकि आत्मनिर्भर भारत कार्यक्रम के तहत देश में 40,000 करोड़ रुपए की लागत से नई उर्वरक उत्पादन इकाइयों की स्थापना की जा रही है। इससे आयात पर निर्भरता में भी कमी आएगी।'' आधिकारिक आंकड़े के अनुसार देश में उर्वरक उत्पादन 4.2 से 4.5 करोड़ टन है और आयात करीब 1.8 करोड़ टन है। 

गौड़ा ने कहा कि स्वदेशी उद्योगों को बढ़ावा देने के तहत हम सभी उर्वरक कंपनियों को गैस आधारित प्रौद्योगिकी में परिवर्तित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हाल ही में हमने देश में चार यूरिया संयंत्रों रामागुंडम, सिंदरी, बरौनी और गोरखपुर को पटरी पर लाया है। ‘‘2023 तक हम उर्वरकों के उत्पादन में आत्मनिर्भर हो जाएंगे।'' मंत्री ने किसानों से यूरिया का विवेकपूर्ण उपयोग करने के लिए कहा क्योंकि यूरिया का अत्यधिक उपयोग मिट्टी के स्वास्थ्य को खराब कर सकता है। उन्होंने किसानों को अपने मृदा स्वास्थ्य कार्ड के अनुसार उर्वरकों का उपयोग करने की सलाह दी। इस वेबिनार में कर्नाटक के 1500 से अधिक किसानों ने भाग लिया। 

सेमिनार में इफको के प्रबंध निदेशक यू एस अवस्थी, विपणन निदेशक योगेंद्र कुमार, इफको कर्नाटक के विपणन प्रबंधक डॉ नारायणस्वामी, कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय, बैंगलोर के कृषि वैज्ञानिकों और समेत अन्य लोग शामिल हुए। 
 

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