ईरान से दोगुना तेल आयात करेगा भारत

Edited By Pardeep,Updated: 07 Apr, 2018 04:54 AM

india will import double oil from iran

भारत सरकार क्रूड आयल (कच्चा तेल) बेचने के लिए ईरान द्वारा की गई इंसैंटिव की पेशकश को भुनाने के मूड में है। इस क्रम में सरकारी रिफाइनरियों ने वित्त वर्ष 2018-19 में ईरान से तेल आयात (इम्पोर्ट)दोगुना करने की योजना बनाई है। वहीं ईरान ने तीसरे बड़े ऑयल...

नई दिल्ली: भारत सरकार क्रूड आयल (कच्चा तेल) बेचने के लिए ईरान द्वारा की गई इंसैंटिव की पेशकश को भुनाने के मूड में है। इस क्रम में सरकारी रिफाइनरियों ने वित्त वर्ष 2018-19 में ईरान से तेल आयात (इम्पोर्ट)दोगुना करने की योजना बनाई है। वहीं ईरान ने तीसरे बड़े ऑयल इम्पोर्टर देश में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए यह ऑफर दिया है। 

ईरान एशिया में अपने ऑयल कस्टमर्स को बनाए रखने के लिए सऊदी अरब जैसे अन्य अरब देशों की तुलना में आकर्षक शर्तों की पेशकश कर रहा है। ईरान ने हाल में ज्यादा खरीद पर भारतीय कम्पनियों को फ्रेट पर डिस्काऊंट ऑफर किया था। भारत के लिए यह इसलिए भी अहम है क्योंकि वह चीन के बाद ईरान का दूसरा बड़ा क्लाइंट है। 

अमरीकी प्रतिबंधों के बाद ईरान से घटा था इम्पोर्ट
अमरीकी प्रतिबंधों से पहले ईरान, भारत के लिए दूसरा बड़ा ऑयल सप्लायर देश था जिसके बाद 2016-17 में वह सऊदी अरब और ईराक के बाद तीसरे पायदान पर आ गया था। हालांकि अब प्रतिबंध हटने के बाद ईरान धीरे-धीरे भारत में अपना मार्कीट शेयर बढ़ा रहा है। 

तीसरा बड़ा एक्सपोर्टर है ईरान
2017-18 के आधिकारिक आंकड़े अभी तक उपलब्ध नहीं हैं। हालांकि सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अप्रैल, 2017 से फरवरी, 2018 के बीच ईरान के लिए भारत तीसरा बड़ा ऑयल एक्सपोर्टर रहा। वहीं ईराक सऊदी अरब को पछाड़कर भारत के लिए सबसे बड़ा सप्लायर बन गया। 

3.96 लाख बैरल प्रतिदिन ऑयल के इम्पोर्ट की बनाई योजना
इस डिवैल्पमैंट की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने कहा कि सरकारी रिफाइनर्स इंडियन ऑयल कॉर्प, मंगलोर रिफाइनरी एंड पैट्रोकैमिकल्स लिमिटेड, भारत पैट्रोलियम और ङ्क्षहदुस्तान पैट्रोलियम ने अप्रैल, 2018 से शुरू हुए वित्त वर्ष के दौरान ईरान से 3.96 लाख बैरल प्रतिदिन (बी.पी.डी.) ऑयल के इम्पोर्ट की योजना बनाई है। हालांकि इस मसले पर इंडियन ऑयल, मंगलोर रिफाइनरी एंड पैट्रोकैमिकल्स, भारत पैट्रोलियम और हिंदुस्तान पैट्रोलियम ने कोई प्रतिक्रिया देने से इंकार कर दिया। इन चारों रिफाइङ्क्षनग कम्पनियों ने पिछले वित्त वर्ष में ईरान से लगभग 2.05 लाख बी.पी.डी. ऑयल का इम्पोर्ट किया था।

सरकार ने क्रूड ऑयल पर फोड़ा पैट्रोल-डीजल के बढ़ते दाम का ठीकरा, जी.एस.टी. में भी लाने को तैयार
सरकार ने देश में बढ़ती पैट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों का ठीकरा अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों पर फोड़ा है। पैट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने छत्तीसगढ़ के रायपुर स्थित स्वामी विवेकानंद हवाई अड्डे पर पत्रकारों से बातचीत के दौरान यह बात कही। उन्होंने कहा कि जब अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में इजाफा होता है, तो भारत में भी पैट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में वृद्धि होती है। उन्होंने कहा कि मार्च के महीने में पहले पैट्रोलियम पदार्थों के दाम कम हुए, लेकिन अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम घटने से यहां पर पैट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में बढ़ौतरी हुई है। 

इसके साथ ही उन्होंने लगे हाथ सरकार की मंशा को जाहिर करते हुए कहा कि उनका मंत्रालय यह चाहता है कि पैट्रोलियम पदार्थों को वस्तु एवं सेवाकर (जी.एस.टी.) के दायरे में लाया जाए। पैट्रोलियम मंत्री ने कहा कि हालांकि यह विषय रहता है कि पैट्रोलियम पदार्थ पर इतना टैक्स क्यों है। पैट्रोलियम मंत्रालय जी.एस.टी. काऊंसिल को बार-बार अनुरोध कर रहा है तथा सुझाव दे रहा है कि जी.एस.टी. काऊंसिल इस विषय पर निर्णय करे कि पैट्रोलियम पदार्थ भी धीरे-धीरे जी.एस.टी. के अंतर्गत आ जाए। प्रधान ने कहा कि राज्यों में भी धीरे-धीरे मन बनाया जा रहा है। शुरुआत में जी.एस.टी. के स्वरूप और राज्य की आय को लेकर चिंता थी, लेकिन धीरे-धीरे जी.एस.टी. की सफलता सामने है। पैट्रोलियम मंत्रालय चाहता है कि पैट्रोलियम पदार्थ भी जी.एस.टी. के दायरे में आएं।

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