Edited By Pardeep,Updated: 27 Sep, 2018 05:03 AM
भारत अपनी योजना पर आगे बढ़ गया तो अमरीकी प्रतिबंधों के कारण ईरान को तेल के एक बड़े ग्राहक से हाथ धोना पड़ेगा। दरअसल भारत नवंबर महीने से ईरान से कच्चा तेल आयात नहीं करने का मन बना रहा है। भारतीय तेल रिफाइनरी कम्पनियों, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन और भारत...
नई दिल्ली: भारत अपनी योजना पर आगे बढ़ गया तो अमरीकी प्रतिबंधों के कारण ईरान को तेल के एक बड़े ग्राहक से हाथ धोना पड़ेगा। दरअसल भारत नवंबर महीने से ईरान से कच्चा तेल आयात नहीं करने का मन बना रहा है। भारतीय तेल रिफाइनरी कम्पनियों, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन और भारत पैट्रोलियम कॉर्पोरेशन ने नवंबर महीने में ईरान से तेल की खेप का ऑर्डर अब तक नहीं दिया है। इसकी जानकारी दोनों कम्पनियों के अधिकारियों ने दी। यानी कि भारत अमरीकी दबाव में यह कदम उठा रहा है।
तेल उद्योग के एक बड़े अधिकारी ने कहा है कि नायरा एनर्जी भी इसी नक्शेकदम पर चल रही है और उसकी भी ईरान से तेल खरीदने की कोई योजना नहीं है। हालांकि मंगलोर रिफाइनरी एंड पैट्रोकैमिकल्स लि. के एक अधिकारी ने बताया कि कम्पनी ने इस महीने के लिए तो कोई ऑर्डर नहीं दिया, लेकिन बाद में दे सकती है। वैसे नवंबर की खेप के लिए अक्तूबर के शुरूआत तक ऑर्डर दिया जा सकता है, इसलिए कम्पनियों के विचार बदलने की संभावना खारिज नहीं की जा सकती।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार दक्षिण कोरिया, जापान और यूरोपीय देश भी ईरान से तेल आयात बंद करने जा रहे हैं। ऐसे में भारत का इस तरह का फैसला ईरान को बड़ा झटका देगा। उधर 4 नवंबर से ईरान से तेल आयात पर शुरू हो रही अमरीकी पाबंदी के कारण ब्रेंट क्रूड का भाव 80 डॉलर से बहुत आगे जा सकता है। आशंका यह भी जताई जा रही है कि 2014 के बाद पहली बार कच्चा तेल 100 डॉलर प्रति बैरल की ऊंचाई छू सकता है।