चीनी निवेश के कारण फ्लिपकॉर्ट, पेटीएम और Zomato पर फूटा भारतीयों का गुस्सा

Edited By jyoti choudhary,Updated: 18 Jun, 2020 12:42 PM

indian anger erupted over flipkort paytm and zomato due to chinese investment

गलवान घाटी में भारत और चीनी सैनिकों की झड़प में 20 भारतीय सैनिकों के शहीद होने की गुस्सा चीनी और भारत में चीनी निवेश वाली कंपनियों पर निकलता दिख रहा है। यूजर्स द्वारा चीनी निवेश से विकसित

बिजनेस डेस्कः गलवान घाटी में भारत और चीनी सैनिकों की झड़प में 20 भारतीय सैनिकों के शहीद होने की गुस्सा चीनी और भारत में चीनी निवेश वाली कंपनियों पर निकलता दिख रहा है। यूजर्स द्वारा चीनी निवेश से विकसित हुई कंपनियों जैसे Paytm, Flipkart, Zomato और Swiggy का बहिष्कार करने के मैसेज की ट्वीटर और अन्य सोशल मीडिया पर बाढ़ सी आ गई है। लोगों ने BoycottChineseProducts के हैशटैग के साथ इन ऐप्स की सेवाओं का बहिष्कार करने के ट्वीट किए हैं हालांकि कुछ ने ये सुझाव भी दिया है कि इन कंपनियों को चीनी निवेशकों से अपने शेयर बायबैक कर लेने चाहिए।

बता दें कि चीनी निवेशकों ने भारतीय स्टार्टअप्स इकोसिस्टम में अब तक 5 बिलियन डॉलर का निवेश किया है। एंट फाइनेंशियल ने पेटीएम सहित भारत की 7 कंपनियों में 2.7 बिलियन डॉलर का निवेश किया है। जबकि टेनसेंट ने फ्लिपकार्ट, स्वीगी और ओला में निवेश किया है। वहीं शुनवेई कैपिटल ने फूड डिलीवरी स्टार्टअप की दिग्गज कंपनियों जोमैटो और अन्य में निवेश किया है। चीन के Alibaba का स्नैपडील में 3.5 प्रतिशत हिस्सा है।

इन उद्योग से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि देश में चीन और उसकी कंपनियों के खिलाफ (एंटी चाइना) लहर चल रही है। हालांकि बहुत कुछ इस बात पर निर्भर  करेगा कि सरकार क्या चाहती है। उन्होंने कहा इसके पहले भी राष्ट्रहित को लेकर चीनी ऐप्स को लोगों का गुस्सा झेलना पड़ा है परंतु इस बार कारोबार पर सीधा असर पड़ सकता है।

इस पर विश्लेषकों का मानना है कि इस माहौल में नए निवेश पर जरूर असर पड़ेगा लेकिन पहले से ही चीनी निवेश से चलने वाली कंपनियों पर इसका बड़ा असर नहीं होगा। इस बीच स्वतंत्र ई-कॉमर्स विश्लेषक श्रीधर प्रसाद ने कहा है कि इस समय नए निवेश पर हर कोई सावधानी बरतेगा क्योंकि वुहान और सीमा पर तनाव दोनों एक ही समय सामने आया है लेकिन भारतीय कंपनियों में चीनी निवेश होने का मतलब ये नहीं है उनके प्रोडक्ट को चीनी प्रोडक्ट माना जाये। ऐसी कई भारतीय कंपनियां हैं जिन्होंने चीन में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगा रखी हैं। उन्होंने आगे कहा कि यदि इसी तरह से बहिष्कार चलता रहा तो ये हमारे देश की इकोनॉमी और प्रतिभा की तरक्की में भी रोड़ा बनेगा। इस मुद्दे पर Flipkart, Ola, Swiggy, Zomato और Oyo ने मीडिया के प्रश्नों का जवाब नहीं दिया है।

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