भारतीय अर्थव्यवस्था ने मजबूत की अपनी पोजीशन, पीपीपी में तीसरे स्थान पर बरकरार

Edited By jyoti choudhary,Updated: 24 Jun, 2020 11:39 AM

indian economy strengthened its position retained third position in ppp

भारत 2017 के क्रय शक्ति समता (पीपीपी) के आधार पर अमेरिका और चीन के बाद तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बना हुआ है। सरकार ने मंगलवार को विश्व बैंक के हवाले से बताया कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के स्तर पर रुपया

नई दिल्लीः भारत 2017 के क्रय शक्ति समता (पीपीपी) के आधार पर अमेरिका और चीन के बाद तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बना हुआ है। सरकार ने मंगलवार को विश्व बैंक के हवाले से बताया कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के स्तर पर रुपया प्रति डॉलर पीपीपी 2017 में बढ़कर 20.65 हो गया जो 2011 में 15.55 था। वहीं रुपए के लिए डॉलर की विनिमय दर 2017 में बढ़कर 65.12 हो गई जो 2011 में 46.67 थी। साथ ही 2017 में कीमत स्तर सूचकांक (PLI) का बाजार विनिमय दर से अनुपात सुधरकर 47.55 रहा, जो 2011 में 42.99 था।

पीपीपी के आधार पर भारत का वैश्विक जीडीपी में 6.7% है योगदान 
क्रय शक्ति समता यानी पीपीपी का इस्‍तेमाल अर्थव्यवस्थाओं में एकसमान वस्‍तुओं की कीमत के स्तर की तुलना करने के लिए किया जाता है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) के अनुसार 2017 में भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना रहा। पीपीपी के हिसाब से वैश्विक जीडीपी (Global GDP) में भारत की हिस्सेदारी 6.7 फीसदी रही। दूसरे शब्‍दों में समझें तो दुनिया की कुल 1,19,547 अरब डॉलर की जीडीपी में भारत की हिस्‍सेदारी 8,051 अरब डॉलर रही। वहीं, चीन की हिस्‍सेदारी 16.4 फीसदी और अमेरिका का योगदान 16.3 फीसदी है।

वर्ल्‍ड बैंक ने आईसीपी के तहत संदर्भ वर्ष 2017 का पीपीपी किया जारी 
एनएसओ के मुताबिक, पीपीपी आधारित वैश्विक वास्तविक व्यक्तिगत खपत में हिस्सेदारी और वैश्विक सकल पूंजी निर्माण के आधार पर भी भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। विश्व बैंक ने इंटरनेशनल कम्पैरिजन प्रोग्राम (ICP) के तहत संदर्भ वर्ष 2017 के लिए नया पीपीपी जारी किया है। यह दुनिया की सभी अर्थव्यवस्‍थाओं में जीवन स्तर की लागत में अंतर को समायोजित करता है। वैश्विक स्तर पर आईसीपी में 176 देश शामिल हुए। संयुक्त राष्ट्र सांख्यिकी आयोग (UNSC) के तहत आईसीपी दुनिया की सबसे बड़ी आंकड़ा संग्रह पहल है। इसका मकसद पीपीपी का आकलन करना है, जो दुनिया की अर्थव्यवस्थाओं में आर्थिक गतिविधियों की तुलना के लिहाज से अहम है।

क्षेत्रीय जीडीपी में योगदान के आधार पर दूसरे नंबर पर रहा है भारत
राष्‍ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के मुताबिक, भारत ने अपनी क्षेत्रीय स्थिति भी बरकरार रखी है। भारत पीपीपी के संदर्भ में क्षेत्रीय सकल घरेलू उत्पाद (RGDP) में 20.83 फीसदी हिस्सेदारी के साथ दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था रहा। वहीं, चीन 50.76 फीसदी हिस्सेदारी के साथ पहले और इंडोनेशिया तीसरे स्थान पर रहा। भारत पीपीपी आधारित क्षेत्रीय स्तर पर वास्तविक व्यक्तिगत खपत और क्षेत्रीय सकल पूंजी निर्माण के आधार पर भी दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। अगला आकलन वर्ष 2021 होगा, जिसमें पीपीपी के आधार पर अर्थव्यवस्थाओं की तुलना की जाएगी।

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