Edited By Supreet Kaur,Updated: 08 Aug, 2018 04:25 PM
अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने आज कहा कि अगले कुछ दशकों तक वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था वृद्धि का प्रमुख स्रोत बनी रहेगी। दुनिया के लिए इसका वही योगदान होगा जो कि अब तक चीन का रहा है। वैश्विक संस्थान ने देश को अधिक...
बिजनेस डेस्कः अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने आज कहा कि अगले कुछ दशकों तक वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था वृद्धि का प्रमुख स्रोत बनी रहेगी। दुनिया के लिए इसका वही योगदान होगा जो कि अब तक चीन का रहा है। वैश्विक संस्थान ने देश को अधिक संरचनात्मक सुधारों के लिए कदम उठाने को कहा।
भारत के लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष के मिशन प्रमुख रानिल सलगादो ने कहा, ‘‘भारत अब क्रय शक्ति समानता उपायों में वैश्विक अर्थव्यवस्था की वृद्धि में 15 फीसदी का योगदान कर रहा है जो उल्लेखनीय है।’’ यह चीन और अमेरिका के बाद दूसरा सबसे बड़ा योगदानकर्ता है। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन क्रयशक्ति समानता सिद्धांत के संदर्भ में वैश्विक वृद्धि में इसका योगदान 15 फीसदी है। हालांकि, इसका व्यापार स्तर उतना अधिक नहीं है जितना चीन का है।’’ सलगादो के अनुसार आईएमएफ भारत को वैश्विक वृद्धि के दीर्घकालीन स्रोत के रूप में देखता है।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत की कामकाजी आयु वाली आबादी घटनी शुरू हो उससे पहले उसके पास तीन दशक का समय है। इसीलिए यह लंबा समय है। यह भारत के लिए एशिया में बेहतर अवसर है क्योंकि केवल कुछ अन्य एशियाई देशों में ही यह स्थिति है।’’ सलगादो ने कहा, ‘‘अगले तीन दशकों के लिए भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए वृद्धि का स्रोत है और यह इससे भी अधिक समय तक बना रह सकता है।’’ आईएमएफ के कार्यकारी बोर्ड ने अपनी रिपोर्ट में निवेश में बढ़ोतरी तथा मजबूत निजी खपत के आधार भारत की आर्थिक वृद्धि दर 2018-19 में 7.3 फीसदी तथा 2019-20 में 7.5 फीसदी रहने का अनुमान जताया है।