Edited By jyoti choudhary,Updated: 08 Nov, 2020 04:53 PM
इंडियन ओवरसीज बैंक (आईओबी) ने बैंक ने आकस्मिक आवश्यकताओं को लेकर सुरक्षित कोष बनाने के लिए सरकार से एक हजार करोड़ रुपए की मदद की मांग की है। सरकारी क्षेत्र के आईओबी को लगातार तीन तिमाहियों से लाभ हुआ है। बैंक को चालू वित्त वर्ष में यह क्रम आगे भी...
नई दिल्लीः इंडियन ओवरसीज बैंक (आईओबी) ने बैंक ने आकस्मिक आवश्यकताओं को लेकर सुरक्षित कोष बनाने के लिए सरकार से एक हजार करोड़ रुपए की मदद की मांग की है। सरकारी क्षेत्र के आईओबी को लगातार तीन तिमाहियों से लाभ हुआ है। बैंक को चालू वित्त वर्ष में यह क्रम आगे भी जारी रहने की उम्मीद है।
बैंक को सितंबर तिमाही में 148 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ हुआ है, जबकि साल भर पहले की समान अवधि में उसे 2,254 करोड़ रुपए का घाटा हुआ था। बैंक का लाभ जून तिमाही के 121 करोड़ रुपए की तुलना में सितंबर तिमाही में 22.3 प्रतिशत बढ़ा है।
आईओबी के प्रबंध निदेशक पीपी सेनगुप्ता ने कहा, ‘‘हम क्रम के आगे भी जारी रहने की उम्मीद करते हैं। अब पीछे जाने का सवाल नहीं है।'' पूंजीगत जरूरतों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि हमारे लाभ से पूंजी की स्थिति मजबूत हो। यह हमारा आंतरिक लक्ष्य है और हम इस लक्ष्य की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। हमने सरकार से पूंजीगत समर्थन की मांग भी की है। देखना है कि हमें कितनी मदद मिल पाती है। हम किसी आकस्मिक आवश्यकता को लेकर सुरक्षित पूंजी रखना चाहते हैं।''