Edited By jyoti choudhary,Updated: 03 Apr, 2019 12:22 PM
भारतीय रेलवे ने कबाड़ बेचकर बड़ी कमाई की है। पश्चिम रेलवे और उत्तर पश्चिम रेलवे ने अपना कबाड़ बेचा है। सिर्फ 2 जोन ने ये कबाड़ बेचकर 672 करोड़ रुपए कमाए हैं। ये कमाई पूरे वित्त वर्ष की है।
नई दिल्ली: भारतीय रेलवे ने कबाड़ बेचकर बड़ी कमाई की है। पश्चिम रेलवे और उत्तर पश्चिम रेलवे ने अपना कबाड़ बेचा है। सिर्फ 2 जोन ने ये कबाड़ बेचकर 672 करोड़ रुपए कमाए हैं। ये कमाई पूरे वित्त वर्ष की है। उत्तर पश्चिम रेलवे ने वित्त वर्ष 2018-19 में बेकार पड़ी सामग्री यानी कबाड़ को बेचकर 197.47 करोड़ रुपए की आय अर्जित की जो 190 करोड़ रुपए के तय लक्ष्य से अधिक रही।
इस वर्ष की शुरूआत में यह आय 135 करोड़ रुपए अनुमानित थी। वित्त वर्ष 2017-18 के मुकाबले इस वर्ष स्क्रैप बेचकर 14.56 प्रतिशत अधिक आय हुई है। उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी अभय शर्मा ने बताया कि फील्ड यूनिट्स से पुराने कबाड़ को हटाने तथा बेचने के लिए चलाए गए विशेष अभियान के तहत उत्तर पश्चिम रेलवे के चारों मण्डलों तथा निर्माण संगठन ने 40,000 मिट्रिक टन कबाड़ को हटाया जिससे उत्तर पश्चिम रेलवे को इसे बेचकर अतिरिक्त आय हुई।
उन्होंने बताया कि इस बार यह कबाड़ पिछले वर्ष की तुलना में 6.87 प्रतिशत अधिक दर पर विक्रय किया गया है। इस अभियान से एक ओर जहां रेलवे परिसर की स्वच्छता में वृद्धि हुई है तो वहीं दूसरी ओर रेलवे की सुरक्षा भी मजबूत हुई है। दूसरी तरफ पश्चिम रेलवे ने 537 रुपए का कबाड़ बेच दिया। पश्चिम रेलवे ने कहा है कि उसने व्यावसायिक आय अर्जित करने में नया रिकॉर्ड बनाया है तथा समय पालन के लिए देशभर के रेल नेटवर्क में प्रथम स्थान प्राप्त किया है।
पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी रविंदर भाकर ने बयान जारी कर बताया कि वित्त वर्ष 2018-19 में पश्चिम रेलवे ने अब तक का सर्वश्रेष्ठ रिकॉर्ड स्थापित करते हुए 537 करोड़ रुपए का कबाड़ बेचा है और 18 हजार 225 करोड़ रुपए की व्यवसायिक कमाई की है।