Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Oct, 2017 03:31 PM
भारतीय रेलवे ने करीब साढ़े तीन हजार किलोमीटर ट्रैक के अनुरक्षण एवं उन्नयन के लिए...
नई दिल्लीः भारतीय रेलवे ने करीब साढ़े तीन हजार किलोमीटर ट्रैक के अनुरक्षण एवं उन्नयन के लिए पटरियों की कमी को दूर करने के वास्ते विश्व बाकाार का रुख करने का फैसला किया है।
रेलवे के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार करीब तीन लाख टन पटरियों की आपूर्ति के लिए वैश्विक निविदा निकाली जाएगी। सूत्रों ने बताया कि भारतीय इस्पात प्राधिकरण लिमिटेड (सेल) से रेलवे को सालाना करीब 11 लाख टन पटरियों की आपूर्ति हो सकती है जबकि रेलवे के लक्ष्य को पूरा करने के लिए 14 लाख टन पटरियों की जरूरत है। इस प्रकार से तीन लाख टन पटरियों की कमी विश्व बाकाार से पूरी की जाएगी। एक लाख टन पटरियां करीब 700 किलोमीटर मार्ग के लिए आवश्यक होती हैं। इस हिसाब से तीन लाख टन पटरियों से 2100 किलोमीटर लाइन के लिए आवश्यक होगी।
रेलवे ने दुर्घटनाओं के बाद दोहरीकरण तथा तीसरी एवं चौथी लाइन बिछाने के काम को रोक कर तत्काल करीब साढ़े तीन हकाार किलोमीटर ट्रैक को बदलने का फैसला किया है जिसमें से करीब 14-15 सौ किलोमीटर ट्रैक को बदलने का काम हो चुका है और करीब दो हकाार किलोमीटर ट्रैक बदलने का काम बाकी है।