Edited By jyoti choudhary,Updated: 02 Aug, 2020 03:57 PM
कोविड-19 महामारी और उसकी वजह से लगाए गए लॉकडाउन के तेज झटके के बाद अब भारतीय इस्पात बाजार में सुधार दिखाई दे रहा है। आर्सेलरमित्तल निप्पन स्टील इंडिया के चेयरमैन आदित्य मित्तल ने यह राय व्यक्त की है।
नई दिल्लीः कोविड-19 महामारी और उसकी वजह से लगाए गए लॉकडाउन के तेज झटके के बाद अब भारतीय इस्पात बाजार में सुधार दिखाई दे रहा है। आर्सेलरमित्तल निप्पन स्टील इंडिया के चेयरमैन आदित्य मित्तल ने यह राय व्यक्त की है। आदित्य मित्तल इस्पात क्षेत्र के दिग्गज उद्योगपति लक्ष्मी निवास मित्तल के पुत्र हैं। उन्होंने कहा कि आर्सेलरमित्तल निप्पन स्टील इंडिया (पूर्व में एस्सार स्टील) का गुजरात के हजीरा का संयंत्र अपनी पूरी क्षमता पर परिचालन कर रहा है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 की वजह से घरेलू मांग बुरी तरह प्रभावित हुई थी। विशेषरूप से अप्रैल में।
हालांकि, अब इस बाजार में सुधार के संकेत दिखने लगे हैं। घरेलू मांग के बारे में मित्तल ने कहा, ‘‘हम घरेलू मांग में सुधार देख रहे हैं। यहीं वजह है कि हमारा हजीरा का संयंत्र पूरी क्षमता पर परिचालन कर रहा है।'' दुनिया की दिग्गज इस्पात कंपनी आर्सेलरमित्तल ने दिसंबर, 2019 में कर्ज के बोझ से दबी एस्सार स्टील के अधिग्रहण तथा जापान की निप्पन स्टील के साथ संयुक्त उद्यम एएम/एनएस के गठन की घोषणा की थी। मूल कंपनी आर्सेलरमित्तल के अध्यक्ष एवं मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) आदित्य मित्तल को एएम/एनएस का चेयरमैन नियुक्त किया गया था। दिलीप ओम्मेन को कंपनी का मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) नियुक्त किया गया था।
आर्सेलरमित्तल को 30 जून को समाप्त दूसरी तिमाही में 55.9 करोड़ डॉलर का शुद्ध घाटा हुआ है। कंपनी ने इसे अपने इतिहास की सबसे कठिन तिमाही बताया है। एएम/एनएस के प्रदर्शन के बारे में निवेशकों के समक्ष प्रस्तुतीकरण में मित्तल ने कहा कि दूसरी तिमाही में कंपनी का कच्चे इस्पात का उत्पादन घटकर 12 लाख टन रह गया, जो जनवरी-मार्च की तिमाही में 17 लाख टन था।
इसके अलावा कंपनी की ब्याज, कर, मूल्यह्रास और परिशोधन (ईबीआईटीडीए) से पहले आय घटकर 10.7 करोड़ डॉलर रही, जो पहली तिमाही में 14 करोड़ डॉलर रही थी। उन्होंने कहा कि कोविड-19 की वजह से कंपनी का कारोबार प्रभावित हुआ। यह पूछे जाने पर कि क्या एएम/एनएस इंडिया अपनी वृद्धि के लिए निर्यात पर ध्यान केंद्रित करेगी, मित्तल ने कहा कि कंपनी कारोबार बढ़ाने के लिए घरेलू बाजार पर ही ध्यान देगी।