Edited By Supreet Kaur,Updated: 16 Sep, 2019 04:54 PM
भारतीय अर्थव्यवस्था पर मंदी का असर अब साफ दिखने लगा है। भारतीय परिवारों की सबसे बड़ी ताकत सेविंग यानी बचत है। लेकिन पिछले पांच साल में घरेलू बचत की कुल देनदारी 58 फीसदी बढ़कर 7.4 लाख करोड़ रुपए रह गई है, जबकि साल भर पहले यानी 20..
नई दिल्लीः भारतीय अर्थव्यवस्था पर मंदी का असर अब साफ दिखने लगा है। भारतीय परिवारों की सबसे बड़ी ताकत सेविंग यानी बचत है। लेकिन पिछले पांच साल में घरेलू बचत की कुल देनदारी 58 फीसदी बढ़कर 7.4 लाख करोड़ रुपए रह गई है, जबकि साल भर पहले यानी 2017 में यह बढ़ोतरी महज 22 फीसदी रही।
परिवारों का कर्ज दोगुना हुआ
देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के रिसर्च नोट के अनुसार घरेलू स्तर पर बचत में बड़ी गिरावट आई है। इस पांच साल में परिवारों की बचत तकरीबन छह फीसदी गिरी है। वित्त साल 2012 में जो घरेलू बचत दर 23.6 फीसदी थी वो 2018 में घटकर 17.2 फीसदी रह गई। साथ ही इन पांच साल में परिवारों का कर्ज दोगुना हुआ है जबकि इस दौरान खर्च करने वाली आमदनी महज डेढ़ गुना बढ़ी है। इसका नतीजा हुआ है कि देश की कुल बचत में 4 फीसदी की बड़ी गिरावट आई है और यह 34.6 फीसदी से गिरकर 30.5 फीसदी पर सिमट गई है।
ग्रामीण क्षेत्र पर देना चाहिए ध्यान
बैंक ने कहा है कि कैपिटल गेन टैक्स को हटाने के बाद 2018 में वित्तीय बचत पर कुछ असर दिखा, लेकिन 2019 में यह कम हो गया। बैंक का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्र में सरकार को मांग बढ़ाने के लिए कुछ खर्चों को बढ़ाना चाहिए। किसानों को आर्थिक मदद के लिए जो स्कीम शुरू हुई है, उसमें अभी तक लक्ष्य से कम किसानों का आवंटन हुआ है। पीएम-किसान पोर्टल के आंकड़े बताते हैं कि लक्ष्य से तकरीबन आधे किसानों की पंजीकरण हुआ है। इसे बढ़ाकर ग्रामीण मांग बढ़ाई जा सकती है।