Edited By Punjab Kesari,Updated: 05 Sep, 2017 07:12 PM
पाकिस्तान के जलमार्ग से बचते हुए ईरान से समुद्र के भीतर की 1,300 किलोमीटर की पाइपलाइन से देश में सस्ती गैस लाई जा सकती है। ईरान-भारत ...
नई दिल्ली: पाकिस्तान के जलमार्ग से बचते हुए ईरान से समुद्र के भीतर की 1,300 किलोमीटर की पाइपलाइन से देश में सस्ती गैस लाई जा सकती है। ईरान-भारत गैस लाइन पर एक अध्ययन रिपोर्ट जारी करते हुए पूर्व पेट्रोलियम सचिव टी एन आर राव ने कहा कि ऐसी पाइपलाइन से फारस की खाड़ी से भारत में प्राकृतिक गैस हाजिर बाजार की एलएनजी कीमतों से कम पर लाई जा सकती है।
राव ने कहा कि चार अरब डॉलर से अधिक की पाइपलाइन से आयातित प्राकृतिक गैस की भारतीय तट पर कीमत 5 से 5.50 डॉलर प्रति इकाई या एमएमबीटीयू बैठेगी। यह कुछ घरेलू क्षेत्रों से आपूर्ति की जाने वाली गैस से भी कम होगी। जहाजों के जरिए आयातित एलएनजी की कीमत 7.50 डॉलर प्रति इकाई बैठती है।
राव साउथ एशिया गैस एंटरप्राइज प्राइवेट लि. के सलाहकार बोर्ड के चेयरमैन भी हैं। यह कंपनी समुद्र के भीतर पाइपलाइन बिछाना चाहती है जो पहले ओमान जाएगी और वहां से गुजरात के पोरबंदर आएगी। अध्ययन में कहा गया है कि समुद्र के भीतर की पाइपलाइन से आने वाली गैस का दाम आयातित एलएनजी से कम से कम दो डॉलर कम होगा जिससे सालाना एक अरब डॉलर की बचत होगी।