Edited By jyoti choudhary,Updated: 13 Oct, 2021 06:24 PM
महंगे खाद्य तेल से जनता को राहत देने के लिए सरकार ने बुधवार को पाम, सोयाबीन और सूरजमुखी के तेल की कच्ची किस्मों पर मार्च, 2022 तक के लिए बेसिक कस्टम ड्यूटी समाप्त करने के साथ ही साथ कृषि उपकर में भी कटौती करने की घोषणा की है। यह एक ऐसा कदम है जो...
बिजनेस डेस्कः महंगे खाद्य तेल से जनता को राहत देने के लिए सरकार ने बुधवार को पाम, सोयाबीन और सूरजमुखी के तेल की कच्ची किस्मों पर मार्च, 2022 तक के लिए बेसिक कस्टम ड्यूटी समाप्त करने के साथ ही साथ कृषि उपकर में भी कटौती करने की घोषणा की है। यह एक ऐसा कदम है जो त्योहारी मौसम में खाद्य तेलों की कीमतों को कम करने और घरेलू उपलब्धता को बढ़ाने में मदद करेगा।
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने एक अधिसूचना में कहा कि शुल्क में कटौती 14 अक्टूबर से प्रभावी होगी और 31 मार्च, 2022 तक लागू रहेगी। कच्चे पाम तेल पर अब 7.5 प्रतिशत का कृषि अवसंरचना विकास उपकर (एआईडीसी) लगेगा, जबकि कच्चे सोयाबीन तेल और कच्चे सूरजमुखी तेल के लिए यह दर पांच प्रतिशत होगी। इस कटौती के बाद पाम, सोयाबीन और सूरजमुखी के तेल की कच्ची किस्मों पर प्रभावी सीमा शुल्क क्रमशः 8.25 प्रतिशत, 5.5 प्रतिशत और 5.5 प्रतिशत होगा।
इसके अलावा सूरजमुखी, सोयाबीन, पामोलिन और पाम तेल की परिष्कृत किस्मों पर मूल सीमा शुल्क मौजूदा 32.5 प्रतिशत से घटाकर 17.5 प्रतिशत कर दिया गया है। सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के कार्यकारी निदेशक बी वी मेहता ने कहा कि घरेलू बाजार और त्योहारी मौसम में खुदरा कीमतों में बढ़ोतरी के कारण सरकार ने खाद्य तेलों पर आयात शुल्क घटा दिया है।