Edited By Isha,Updated: 31 Jan, 2019 01:48 PM
भारत के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के डेटा लीक की खबर सामने आई है। अमेरिकी टेक वेबसाइट टेक क्रंच की एक रिपोर्ट के मुताबिक बैंक का सर्वर बिना पासवर्ड के था जिसके कारण लाखों कस्टमर्स की जानकारी ऐक्सेस की जा
बिजनेस डेस्कः भारत के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के डेटा लीक की खबर सामने आई है। एसबीआई की एक गलती के कारण लाखों ग्राहकों के खाते की जानकारी लीक हो गई है। हालांकि अब बैंक का दावा है कि उसने अपने सर्वर को सिक्योर कर लिया है।
टेकक्रंच की एक रिपोर्ट के मुताबिक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया अपने सर्वर को सुरक्षित करना भूल गया था जिसके कारण लाखों लोगों के बैंक की जानकारी लीक हो सकती है। दरअसल रिपोर्ट में दावा किया गया है कि बैंक ने अपने सर्वर को बिना पासवर्ड का ही छोड़ दिया था। ऐसे में कोई भी बैंक के ग्राहकों की निजी जानकारी को एक्सेस कर सकता है और यह भी संभव है कि लोगों की जानकारी लीक भी हो गई हो। इस डेटा सेंटर में SBI Quick का 2 महीने का डेटा रखा है।
SBI Quick एक सिस्टम है जिसके तहत अकाउंट होल्डर्स को टेक्स्ट मैसेज और कॉल पर अकाउंट से जुड़ी बेसिक जानकारी दी जाती है। सिक्योर न होने की वजह से इसे ऐक्सेस करना आसान हुआ है जिस सिक्योरिटी रिसर्चर ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की ये खामी उजागर की है उन्होंने नाम न बताने की शर्त रखी है।
हालाकि यह साफ नहीं है कि ये सर्वर कब से ओपन और अन प्रोटेक्टेड है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने अभी तक इस रिपोर्ट पर कोई बयान जारी नहीं किया है हालांकि बैंक रातों रात डेटाबेस सिक्योर कर दिया है। बता दें इस बात का अभी खुलासा नहीं हुआ है कि सर्वर कितने दिनों तक बिना पासवर्ड का रहा है।
नहीं किया गया था पासवर्ड सेट
टेक क्रंच ने ये कन्फर्म किया है कि बैक एंड टेक्स्ट मैसेज लीक हुए हैं जिसमें हर दिन के लाखों मैसेज स्टोर हैं चूंकि डेटाबेस में कोई पासवर्ड नहीं सेट किया गया था इसलिए कस्मटर्स के सारे टेक्स्ट मैसेज देखे गए हैं जो रियल टाइम हैं। इनमें कस्टमर्स के फोन नंबर, बैंक बैलेंस और रीसेंट ट्रांजैक्शन्स शामिल हैं।
टेक क्रंच ने ये कन्फर्म किया है कि बैक एंड टेक्स्ट मैसेज लीक हुए हैं जिसमें हर दिन के लाखों मैसेज स्टोर हैं चूंकि डेटाबेस में कोई पासवर्ड नहीं सेट किया गया था इसलिए कस्मटर्स के सारे टेक्स्ट मैसेज देखे गए हैं जो रियल टाइम हैं। इनमें कस्टमर्स के फोन नंबर, बैंक बैलेंस और रीसेंट ट्रांजैक्शन्स शामिल हैं। रिपोर्ट के मुताबिक इस डेटाबेस ऐक्सेस ये भी जानकारी मिली की बैंक ने सिर्फ सोमवार को लगभग 30 लाख टेक्स्ट मैसेज भेजे हैं। इस डेटाबेस में लाखों टेक्स्ट मैसेज का डेली अर्काइव है जो दिसंबर तक का है यानी कोई भी इनमें से कस्टमर्स की फिनांशियल जानकारी देख सकता है।