Edited By Yaspal,Updated: 13 Mar, 2019 12:03 AM
मुंबई: सूचना एवं प्रसारण सचिव को मीडिया एवं मनोरंजन (एंटरटेनमेंट) उद्योग में बहुत सारे नियामक हैं। सरकार को इन्हें परस्पर बराबरी के अवसर देने के लिए नीतियां तैयार करने की जरूरत है। अमित खरे ने मंगलवार को कहा कि हमारी नीतियां और नियम सामग्री....
मुंबई: सूचना एवं प्रसारण सचिव को मीडिया एवं मनोरंजन (एंटरटेनमेंट) उद्योग में बहुत सारे नियामक हैं। सरकार को इन्हें परस्पर बराबरी के अवसर देने के लिए नीतियां तैयार करने की जरूरत है। अमित खरे ने मंगलवार को कहा कि हमारी नीतियां और नियम सामग्री के आधार पर नहीं बल्कि प्लेटफॉर्म के आधार पर विकसित किए गए हैं। प्रिंट के लिए अलग नियम है , प्रसारण के लिए अलग नियम और फल्मिों के दूसरे नियम हैं।
समाचार पत्रों के लिए भारतीय प्रेस परिषद है लेकिन प्रेस परिषद ऑनलाइन माध्यम में हस्तक्षेप नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा कि हमें बराबरी के अवसर देने के लिए कुछ नियमों को फिर से संगठित करने और कम से कम कुछ नीतियां तैयार करने की जरूरत है। शीर्ष अधिकारी ने कहा कि हमारी सोच प्रसारण क्षेत्र के लिए ट्राई , फल्मिों के लिए सीबीएफसी या प्रिंट मीडिया के लिए प्रेस परिषद जैसे एक और नियामक स्थापित करने की नहीं है। लेकिन एक स्व - विनियमन तंत्र होना चाहिए जहां सभी मंच एक - दूसरे का समर्थन करेंगे।मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र में बड़े पैमाने पर निजी कंपनियों है। ऐसे में नीतियों की नश्चितिता महत्वपूर्ण है।