शीर्ष कंज्यूमर फोरम ने भारतीय स्टेट बैंक (एस.बी.आई.) को निर्देश दिया है कि वह एक रक्षा कर्मी की विधवा को मासिक पारिवारिक पैंशन दे जो बैंक ने रोकी हुई थी। राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (एन.सी.डी.आर.सी.) की पीठ ने कहा कि महिला का बैंक खाता फ्रीज
नई दिल्ली: शीर्ष कंज्यूमर फोरम ने भारतीय स्टेट बैंक (एस.बी.आई.) को निर्देश दिया है कि वह एक रक्षा कर्मी की विधवा को मासिक पारिवारिक पैंशन दे जो बैंक ने रोकी हुई थी। राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (एन.सी.डी.आर.सी.) की पीठ ने कहा कि महिला का बैंक खाता फ्रीज करना और उसे पैंशन की राशि देने से इन्कार करना सेवा में कमी का मामला है।
क्या है मामला
महिला मणिका सरकार की शिकायत अनुसार उसका पश्चिम बंगाल में नदिया की एस.बी.आई. शाखा में उसके बेटे सुमन कल्याण सरकार के साथ ज्वाइंट अकाऊंट था। उसे अपने पति की मौत के बाद पैंशन मिलती थी जो उनके ज्वाइंट खाते में आती थी। उसका बेटा बैंक में ही कार्यरत था। उस पर बैंक में धन की हेराफेरी करने का आरोप है जिसके बाद बैंक ने उसका खाता फ्रीज कर उसे पैंशन से वंचित कर दिया जो उसकी जीविका का एकमात्र स्रोत था। एक जिला फोरम ने 24 अप्रैल, 2018 को अपने आदेश में कहा था कि पैंशन धारक की जीविका के लिए होती है जिसे कोई भी कुर्क या बंद नहीं कर सकता और उसने अधिकारियों को पीड़िता को पैंशन राशि निकालने के निर्देश दिए थे। एन.सी.डी.आर.सी. ने बैंक की पुनॢवचार याचिका खारिज करते हुए कहा कि सरकार की पैंशन पर रोक लगाना बैंक का गलत कदम है। बेटे की गलती की सजा उन्हें मिल रही है।
यह कहा फोरम ने
फोरम के पीठासीन सदस्य अनूप के. ठाकुर और सदस्य सी. विश्वनाथ की पीठ ने एस.बी.आई. बैंक की शाखा को महिला मणिका सरकार की रोकी हुई पैंशन तुरंत जारी करने को कहा। पीठ ने इसे सेवा में कमी का मामला बताया।
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