कंज्यूमर फोरम ने पीड़िता को उसके पति की मौत की इंश्योरैंस पॉलिसी का क्लेम न देने पर युनाइटेड इंडिया इंश्योरैंस कम्पनी लिमिटेड पर हर्जाना लगाया है। फोरम ने इंश्योरैंस कम्पनी को शिकायतकर्ता को 5.35 लाख रुपए देने का आदेश दिया।
चंडीगढ़ः कंज्यूमर फोरम ने पीड़िता को उसके पति की मौत की इंश्योरैंस पॉलिसी का क्लेम न देने पर युनाइटेड इंडिया इंश्योरैंस कम्पनी लिमिटेड पर हर्जाना लगाया है। फोरम ने इंश्योरैंस कम्पनी को शिकायतकर्ता को 5.35 लाख रुपए देने का आदेश दिया।
क्या है मामला
हरियाणा के कुरुक्षेत्र निवासी कामिनी भटनागर ने कंज्यूमर फोरम को दी शिकायत में बताया कि उनके पति दीपक भटनागर पंजाब एंड हरियाणा बार काऊंसिल में वकील थे। बार काऊंसिल ने उक्त कम्पनी से ग्रुप में पर्सनल एक्सीडैंट पॉलिसी ली हुई थी। इसमें उनके पति को भी कवर किया हुआ था। यह पॉलिसी 3 नवम्बर, 2016 से 2 नवम्बर, 2017 तक के लिए थी। दीपक द्वारा ली गई इस पॉलिसी की नॉमिनी कामिनी भटनागर है। उसने बताया कि दीपक की 15 फरवरी, 2017 को एक्सीडैंट में मौत हो गई। कामिनी को दीपक द्वारा ली गई पॉलिसी के बारे में जानकारी नहीं होने की वजह से उसने काफी समय बाद उक्त कम्पनी को क्लेम देने के लिए रिक्वैस्ट की, लेकिन कम्पनी ने क्लेम देने से मना कर दिया। परेशान होकर कामिनी ने कंज्यूमर फोरम में कम्पनी के खिलाफ शिकायत दी।
यह कहा फोरम ने
कंज्यूमर फोरम में कम्पनी ने दलील देते हुए कहा कि नियमों के हिसाब से दीपक का पोस्टमार्टम होना चाहिए था, लेकिन वह नहीं करवाया गया और शिकायतकत्र्ता ने 30 दिन के भीतर क्लेम के लिए मांग नहीं की और न ही उन्हें सूचित किया गया। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अब कंज्यूमर फोरम ने युनाइटेड इंडिया इंश्योरैंस कम्पनी लिमिटेड के खिलाफ अपना फैसला सुनाते हुए आदेश दिया कि कम्पनी पीड़िता को 5 लाख रुपए 9 प्रतिशत ब्याज के साथ, 25,000 रुपए मुआवजा राशि और 10,000 रुपए केस खर्च के रूप में दे।
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