मोदी सरकार के कार्यकाल में 21 करोड़ गरीबों को बीमा कवच : कोविंद

Edited By Isha,Updated: 31 Jan, 2019 11:58 AM

insurance cover for 21 million poor in the term of modi government kovind

राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने मोदी सरकार को ‘‘गरीबों की पीड़ा समझने वाली सरकार’’ बताते हुए गुरुवार को कहा कि उसने समाज के वंचित लोगों के स्वास्थ्य का ध्यान रखा है और 21 करोड़ से ज्यादा गरीबों को बीमा सुरक्षा कवच प्रदान किया है।

नई दिल्लीः राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने मोदी सरकार को ‘‘गरीबों की पीड़ा समझने वाली सरकार’’ बताते हुए गुरुवार को कहा कि उसने समाज के वंचित लोगों के स्वास्थ्य का ध्यान रखा है और 21 करोड़ से ज्यादा गरीबों को बीमा सुरक्षा कवच प्रदान किया है। कोविंद ने यहां बजट सत्र के पहले दिन संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि हम इस बात से भली-भांति परिचित हैं कि बीमारी के इलाज का खर्च, किसी गरीब परिवार को और भी गरीब बनाता है। इस पीड़ा को समझने वाली सरकार ने पिछले वर्ष ‘आयुष्मान भारत योजना’ शुरू की।
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सिर्फ एक रुपया प्रति माह के प्रीमियम पर ‘प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना’ और 90 पैसे प्रतिदिन के प्रीमियम पर ‘प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना’ के रूप में लगभग 21 करोड़ गरीब भाई-बहनों को बीमा सुरक्षा कवच प्रदान किया गया है।’’ राष्ट्रपति ने जरूरी दवायें कम कीमत पर उपलब्ध कराने के लिए भी सरकार की तारीफ की। उन्होंने कहा कि ‘प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि योजना’ के तहत देश भर में अब तक 600 से ज्यादा जिलों में 4,900 जन औषधि केन्द्र खोले जा चुके हैं। इन केन्द्रों में 700 से ज्यादा दवाइयाँ बहुत कम कीमत पर उपलब्ध कराई जा रही हैं। कोविंद ने कहा कि सरकार कुपोषण को दूर करने के लिए भी पूरे जोर-शोर से काम कर रही है। उन्होंने कहा ‘‘सरकार गरीब महिलाओं और बच्चों में कुपोषण को समाप्त करने के लिए भी पूरी शक्ति से काम कर रही है।
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कुपोषण के लिए जिम्मेदार परिस्थितियों को दूर करने के लिए तथा कुपोषण से पीड़ति लोगों के लिए सरकार ने राष्ट्रीय पोषण मिशन शुरू किया है।’’ इसके साथ ही स्वास्थ्य से जुड़े बुनियादी ढाँचों को मजबूत बनाने के सरकार के प्रयासों का उल्लेख करते हुए राष्ट्रपति ने कहा ‘‘चाहे शहर हो या गाँव, सरकार स्वास्थ्य से जुड़े बुनियादी ढाँचे को मजबूत करने का काम तेजी से कर रही है। गाँवों में चिकित्सकों की कमी को दूर करने के लिए बीते चार वर्षों में मेडिकल की पढ़ाई में 31 हजार नयी सीटें जोड़ी गई हैं। सरकार द्वारा नए चिकित्सा कॉलेज खोले जा रहे हैं, जिला अस्पतालों को अपग्रेड किया जा रहा है और देश की हर बड़ी पंचायत में वेलनेस सेंटर खोले जा रहे हैं।
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