Edited By Isha,Updated: 19 Jan, 2019 11:11 AM
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि मोदी सरकार अंतरिम बजट पेश किये जाने की परंपरा को तोड़ते हुये 01 फरवरी को सिर्फ लेखा अनुदान पेश नहीं करेगी। जेटली ने कहा कि कुछ चुनौतियों के समाधान
नई दिल्लीः वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि मोदी सरकार अंतरिम बजट पेश किये जाने की परंपरा को तोड़ते हुये 01 फरवरी को सिर्फ लेखा अनुदान पेश नहीं करेगी। जेटली ने कहा कि कुछ चुनौतियों के समाधान सहित अर्थव्यवस्था के हित को भी अंतरिम बजट में शामिल किया जायेगा। उन्होंने कहा कि आम चुनाव के मद्देनजर आम तौर अंतरिम बजट पेश करने की परंपरा रही है और इस परंपरा से अलग हटने का कोई कारण भी नहीं है लेकिन, अर्थव्यवस्था के हित को ध्यान में रखते हुये इस वर्ष अंतरिम बजट कुछ हटकर होगा जिस पर अभी न तो चर्चा की जा सकती है और न ही इसका खुलासा किया जा सकता है।
वित्त मंत्री ने एक समारोह को न्यूयार्क से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये संबोधित करते हुये यह बात कही। वह अभी उपचार के लिए अमेरिका गए हुए हैं। उन्होंने कहा कि बजट को लेकर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार में कोई घबराहट नहीं है और वह अपने प्रदर्शन को लेकर आश्वस्त है। हालांकि, इसके बावजूद अब भी कुछ ऐसी चीजें हैं जो चिंताजनक हैं। सात से साढ़े सात प्रतिशत की विकास दर संतोषजनक नहीं है और आठ प्रतिशत विकास दर की बाधा को पार करना होगा।
जेटली ने कहा कि आधार के माध्यम से हुयी वार्षिक बचत से कई योजनाओं के लिए धनराशि मिल सकती है और इससे सरकार को अनावश्यक योजनाओं को समाप्त करने में मदद मिली है। उन्होंने कहा कि सरकार की पिछले पाँच वर्ष की कई ऐसी उपलब्धियां हैं जो संतोषप्रद हैं। राजग सरकार अर्थव्यवस्था की विश्वसनीयता स्थापित करने में सफल रही है।