Edited By rajesh kumar,Updated: 13 Aug, 2020 06:19 PM
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा है कि बृहस्पतिवार से सिर्फ जांच शाखा और स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) निदेशालय ही जांच-पड़ताल के लिए जानकारी जुटाने के वास्ते आयकर सर्वेक्षण करेंगे।
नई दिल्ली: केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा है कि बृहस्पतिवार से सिर्फ जांच शाखा और स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) निदेशालय ही जांच-पड़ताल के लिए जानकारी जुटाने के वास्ते आयकर सर्वेक्षण करेंगे।
सीबीडीटी ने एक आदेश में कहा कि 13 अगस्त 2020 से जांच, सर्वेक्षण की कार्रवाई की मंजूरी देने के लिये केवल आयकर महानिदेशालय (जांच) के अधिकारी और आयकर प्रधान आयुक्त या आयकर (टीडीएस) के मुख्य आयुक्त ही सक्षम प्राधिकरण होंगे। सीबीडीटी ने कहा ये सर्वेक्षण जिम्मेदारी और जवाबदेही के साथ किए जाने चाहिए। बोर्ड ने कहा है कि पहचान रहित आकलन शुरू होने के साथ ही विभाग करदाताओं के साथ कम से कम आमना- सामना होने की तरफ बढ़ रहा है।
नांगिया एंडरसन एलएलपी के पार्टनर अरविंद श्रीवत्सन ने कहा कि पिछली व्यवस्था में निरीक्षक और उससे ऊपर स्तर के अधिकारी आयकर के संयुक्त आयुक्त की पूर्व मंजूरी से ऐसे सर्वेक्षण कर सकते थे। उन्होंने कहा कि अब उच्च स्तर के अधिकारियों से इसके लिए मंजूरी लेनी होगी और ऐसे में भरोसेमंद सबूत होने पर ही मंजूरी मिलेगी। श्रीवत्सन ने कहा कि इससे पता चलता है कि सरकार चाहती है कि सिर्फ उचित मामले ही इस तरह की कार्रवाई के लिए दिए जाएं।
आयकर सर्वेक्षण के तहत कर अधिकारी, करदाता के व्यावसायिक परिसरों का दौरा करने के उसके बहीखातों की जांच, इलेक्ट्रॉनिक रूप से संग्रहीत डेटा और ईमेल से जुड़ी जानकारी जुटाते हैं। एकेएम ग्लोबल टैक्स के पार्टनर अमित माहेश्वरी ने कहा कि इस फैसले से सर्वेक्षण के दौरान जवाबदेही बढ़ेगी।