Edited By Seema Sharma,Updated: 28 Jan, 2019 03:22 PM
वित्तीय संकट से जूझ रही और गत दिसंबर में बैंकों के ऋण की किस्त भरने में विफल रही निजी विमान सेवा कंपनी जेट एयरवेज ने नए निवेश और मौजूदा ऋण के बदले शेयर जारी कर ऋणदाताओं को नियंत्रक हिस्सेदारी देने की तैयारी शुरू कर दी है।
मुंबई: वित्तीय संकट से जूझ रही और गत दिसंबर में बैंकों के ऋण की किस्त भरने में विफल रही निजी विमान सेवा कंपनी जेट एयरवेज ने नए निवेश और मौजूदा ऋण के बदले शेयर जारी कर ऋणदाताओं को नियंत्रक हिस्सेदारी देने की तैयारी शुरू कर दी है। कंपनी ने आज बताया कि उसने 21 फरवरी को शेयरधारकों को विशेष बैठक बुलाई है जिसमें दो हजार करोड़ रुपए अंकित मूल्य के अतिरिक्त शेयर जारी करने और 25 हजार करोड़ रुपए की सीमा तक ऋण लेने की निदेशक मंडल को अनुमति दिये जाने का प्रस्ताव रखा जाएगा। इस समय कंपनी के कुल 20 करोड़ शेयर हैं जिनमें 18 करोड़ इक्विटी शेयर और दो करोड़ वरीय शेयर हैं। ये सभी शेयर 10 रुपए अंकित मूल्य वाले हैं।
शेयरधारकों की बैठक में 50 करोड़ नए इक्विटी शेयर और 150 करोड़ नए वरीय शेयर जारी करने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया जाना है। इस प्रकार शेयरों की संख्या 10 गुणा बढ़ाकर 220 करोड़ करने की कंपनी की योजना है। वरीय शेयर कंपनी में निवेश करने वाली दूसरी कंपनियों या उसके ऋणदाता बैंकों को जारी किए जाएंगे। कंपनी बैंकों के कंसोर्टियम से लोन ले रखा है जिसमें मुख्य ऋणदाता तथा कंसोर्टियम का प्रमुख भारतीय स्टेट बैंक है।
चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में 262 करोड़ रुपए का नुकसान उठा चुकी कंपनी को कर्मचारियों के वेतन तथा हवाई अड्डा शुल्क आदि चुकाने में दिक्कत आ रही है। गत 31 जनवरी को ऋण की किस्त भी नहीं चुका पायी है। इसके बाद एसबीआई की अगुवाई में बैंकों के कंसोर्टियम ने समाधान प्रक्रिया शुरू की है जिसके तहत जेट एयरवेज में किसी दूसरी एयरलाइंस या अन्य कंपनी के निवेश के विकल्प तलाशे जा रहे हैं। निवेश की राशि के कंपनी को वरीय शेयर जारी किए जाएंगे। साथ ही कुछ ऋण राशि को भी इक्विटी शेयर में बदला जा सकता है।