Edited By jyoti choudhary,Updated: 02 Nov, 2018 01:22 PM
बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं नियामक बोर्ड (सेबी) ने सहारा समूह की कंपनियों और उसके निदेशकों (सुब्रत रॉय शामिल) को निवेशकों के 14,100 करोड़ रुपए 15 फीसदी ब्याज सहित लौटाने का निर्देश दिया है।
मुंबईः बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं नियामक बोर्ड (सेबी) ने सहारा समूह की कंपनियों और उसके निदेशकों (सुब्रत रॉय शामिल) को निवेशकों के 14,100 करोड़ रुपए 15 फीसदी ब्याज सहित लौटाने का निर्देश दिया है।
सेबी ने अपने आदेश में समूह की कंपनी सहारा इंडिया कॉमर्शियल कॉरपोरेशन लिमिटेड (एसआईसीसीएल) और उसके तत्कालीन निदेशकों के साथ-साथ उससे जुड़ी कंपनियों को बाजार या किसी भी सार्वजनिक इकाइयों से धन जुटाने पर रोक लगा दी है। मामला कंपनी द्वारा 1998 से 2009 के बीच बांड के जरिए लगभग 2 करोड़ निवेशकों से अवैध तरीके से फंड उगाही करने का है।
सेबी ने यह नया आदेश ऐसे वक्त में पारित किया है, जब सहारा की दो अन्य कंपनियों द्वारा इसी तरह के वैकल्पिक रूप से पूरी तरह परिवर्तनीय डिवेंचर (ओएफसीडी) के जरिए करीब 3 करोड़ लोगों से उगाहे गए 24 हजार करोड़ रुपए को वापस करने का सेबी द्वारा 2011 में जारी किए गए आदेश पर सुप्रीम कोर्ट में कानूनी विवाद चल रहा है।
सहारा को सुप्रीम कोर्ट की निगरानी वाले रिपेमेंट प्रोसेस के तहत सेबी की एक विशेष खाते में पैसे जमा करने को कहा गया है। वहीं, सहारा समूह कह रही है कि वह पहले ही राशि की 98 फीसदी रकम सीधे निवेशकों को वापस कर चुकी है और इसके सबूत सेबी को दिए गए हैं। इसके अलावा, सहारा ने सेबी के खाते में एक भारी रकम जमा कराई है। समूह ने आरोप लगाया है कि नियामक निवेशकों को उसके द्वारा जमा राशि का छोटा सा हिस्सा ही निवेशकों को वापस कर पाया है। सहारा का कहना है कि निवेशक अपनी रकम वापस पाने के लिए सेबी के पास इसलिए नहीं आ रहे हैं क्योंकि उन्हें उनकी रकम पहले ही मिल चुकी है।