Edited By jyoti choudhary,Updated: 04 Feb, 2019 03:45 PM
भारत में हर साल सड़क दुर्घटनाओं में करीब डेढ़ लाख मृत्यु होती हैं। इसमें से 70 फीसदी वाहन चालकों की गलती होती है। एक अनुमान के मुताबिक भारत जैसे देश में सिर्फ 10 फीसदी लोग औपचारिक तौर पर ड्राइविंग सिखने की जद्दोजहद करते हैं,
नई दिल्लीः भारत में हर साल सड़क दुर्घटनाओं में करीब डेढ़ लाख मृत्यु होती हैं। इसमें से 70 फीसदी वाहन चालकों की गलती होती है। एक अनुमान के मुताबिक भारत जैसे देश में सिर्फ 10 फीसदी लोग औपचारिक तौर पर ड्राइविंग सिखने की जद्दोजहद करते हैं, बाकि या तो अपने रिश्तेदारों या फिर दोस्तों से सीखते हैं।
मारुति सुजुकी ने दिल्ली पुलिस के साथ मिलकर शुरू की पहल
सड़क दुर्घटनाओं को देखते हुए मारुति ने दिल्ली पुलिस के साथ मिलकर ट्रैफिक सेफ्टी सिस्टम मैनेजमेंट (TSMS) शुरू किया है। इसके तहत 14KM लंबे धौला कुआं से सराए काले खां तक 100 हाई डेफिनिशन कैमरें लगाए गए हैं, जो हर उस गाड़ी के नंबर को कैद कर लेगा जिसने ट्रैफिक रूल्स का उलंघन किया है। TSMS के जरिए ऐसे चालकों को ई-चालान जारी किया जाएगा।
ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट सेंटर्स से ले सकेंगे लाइसेंस
मारूति और दिल्ली सरकार ड्राइवर्स को लाइसेन्स जारी करने के लिए 12 ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट सेंटर्स (ATDR) खोले हैं। इससे हाई रेसोलुशन कैमरों के जरिए ड्राइवर्स के गाड़ी चलाने के तरीके को गौर किया जाता है और उस आधार पर चालकों को लाइसेंस दिया जाता है।