Edited By jyoti choudhary,Updated: 30 May, 2018 02:22 PM
सार्वजनिक क्षेत्र के इंडियन ओवरसीज बैंक को मार्च में समाप्त वित्त वर्ष 2017-18 की चौथी तिमाही में 3,606.73 करोड़ रुपए का शुद्ध घाटा हुआ है। इसकी प्रमुख वजह फंसे हुए कर्ज के प्रावधान में वृद्धि होना है।
नई दिल्लीः सार्वजनिक क्षेत्र के इंडियन ओवरसीज बैंक को मार्च में समाप्त वित्त वर्ष 2017-18 की चौथी तिमाही में 3,606.73 करोड़ रुपए का शुद्ध घाटा हुआ है। इसकी प्रमुख वजह फंसे हुए कर्ज के प्रावधान में वृद्धि होना है। इससे पिछले वित्त वर्ष 2016-17 की जनवरी-मार्च तिमाही में बैंक को 646.66 करोड़ रुपए का शुद्ध घाटा हुआ था।
शेयर बाजार को दी जानकारी के अनुसार समीक्षाधीन अविध में बैंक को 5,814.42 करोड़ रुपए की शुद्ध आय हुई है, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में 5,661.70 करोड़ रुपए थी। बैंक का इस अवधि में फंसे कर्ज के लिए प्रावधान बढ़कर 6,774.55 करोड़ रुपए हो गया जो इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में केवल 1,789.74 करोड़ रुपए था।
बैंक की सकल गैर-निष्पादित आस्तियां (एनपीए) इस दौरान उसके सकल ऋण का 25.28 फीसदी रही हैं जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 22.39 फीसदी थी। बैंक का शुद्ध एनपीए उसके शुद्ध ऋण का 15.33 फीसदी रहा है। पूरे वित्त वर्ष 2017-18 में बैंक को 6,299.49 करोड़ रुपए का शुद्ध घाटा हुआ है जो 2016-17 में 3,416.74 करोड़ रुपए था।