Edited By jyoti choudhary,Updated: 19 Feb, 2019 11:27 AM
पब्लिक सेक्टर की कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (आईओसी) ने अमेरिका के साथ 30 लाख टन कच्चा तेल खरीदने का वार्षिक करार किया है। इस साल 1 अप्रैल से वह तेल का आयात वहां से शुरू करेगी। आईओसी की इस पर 1.5 अरब डॉलर की लागत आएगी।
नई दिल्लीः पब्लिक सेक्टर की कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (आईओसी) ने अमेरिका के साथ 30 लाख टन कच्चा तेल खरीदने का वार्षिक करार किया है। इस साल 1 अप्रैल से वह तेल का आयात वहां से शुरू करेगी। आईओसी की इस पर 1.5 अरब डॉलर की लागत आएगी। भारत ने 2017 से अमेरिका से कच्चे तेल का आयात शुरू किया था लेकिन पहली बार किसी भारतीय रिफाइनिंग कंपनी ने इसके लिए अमेरिका के साथ ऐनुअल अग्रीमेंट किया है।
आईओसी ने बताया, 'हमने अलग-अलग देशों से क्रूड ऑयल खरीदने की नीति के तहत अमेरिका के साथ 30 लाख टन क्रूड ऑयल खरीदने का समझौता किया है।' यह कॉन्ट्रैक्ट 15 फरवरी को फाइनल हुआ। इससे पहले आईओसी ने कच्चा तेल खरीदने के लिए अमेरिका के साथ पिछले साल अगस्त में टर्म-टेंडर डील साइन की थी। उस समय नवंबर 2018 से जनवरी 2019 के बीच डिलीवरी के वादे के साथ कंपनी ने 60 लाख बैरल कच्चा तेल खरीदने का समझौता किया था। यह सौदा सिंगल टेंडर के जरिए हुआ था।
कंपनी ने बताया, '30 लाख टन क्रूड ऑयल खरीदने पर करीब 1.5 अरब डॉलर की लागत आएगी। आईओसी पहली पीएसयू है, जिसने यूएस ओरिजिन क्रूड ऑइल ग्रेड के लिए कोई कॉन्ट्रैक्ट फाइल किया है।' इससे पहले आईओसी और दूसरी सरकारी रिफाइनरी कंपनियां अमेरिका से स्पॉट मार्केट के जरिए कच्चे तेल की खरीदारी कर रही थीं। यह खरीदारी टेंडर बेसिस पर होती थी। कंपनियां बोर्ड की अनुमति के बगैर खास अवधि या मात्रा में तेल खरीदने का समझौता नहीं कर सकती। अभी उन्हें विदेशी कंपनियों के साथ ऐसे कॉन्ट्रैक्ट करने की इजाजत नहीं है।
भारत ने सबसे पहले अक्टूबर 2017 में अमेरिकी क्रूड ऑयल खरीदा था। उसके बाद से भारतीय कंपनियां टेंडर के आधार पर वहां से तेल खरीद रही हैं। ईरान पर अमेरिका के फिर से आर्थिक पाबंदी लगाने के कुछ महीनों के अंदर भारत ने अमेरिका से तेल की खरीदारी बढ़ाई है। ईरान, भारत का तीसरा सबसे बड़ा तेल सप्लायर है। ईरान पर अमेरिकी आर्थिक प्रतिबंध 4 नवंबर 2018 से लागू हुआ, जिसके बाद भारत ने उससे तेल की खरीदारी घटाई है।