ईरान प्रतिबंध: तेल के बदले चावल स्कीम पर संकट

Edited By jyoti choudhary,Updated: 25 May, 2019 10:45 AM

iran ban crisis on rice scheme for oil

ईरान पर अमरीकी प्रतिबंधों का असर भारत पर चौतरफा पड़ रहा है। भारत और ईरान के बीच क्रूड के बदले बासमती चावल निर्यात का समझौता टूटने की कगार पर है।

नई दिल्लीः ईरान पर अमरीकी प्रतिबंधों का असर भारत पर चौतरफा पड़ रहा है। भारत और ईरान के बीच क्रूड के बदले बासमती चावल निर्यात का समझौता टूटने की कगार पर है। 

अमरीकी प्रतिबंध की वजह से भारत ने ईरान से क्रूड यानी कच्चा तेल खरीदना बंद कर दिया है। इस पर ईरान ने भी साफ कर दिया है कि भारत तेल लेगा तो ही वह बासमती चावल लेगा। भारतीय बासमती कारोबारी इसी डर की वजह से अब ईरान को अपनी खेप रोक रहे हैं।

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कोहिनूर फूड्स के ज्वाइंट मैनेजिंग डायरैक्टर गुरनाम अरोड़ा ने एक अंग्रेजी अखबार को बताया कि जब तक निर्यात की शर्तों पर ईरानी सरकार के साथ नया समझौता नहीं होता तब तक उन्होंने शिपमैंट को होल्ड पर रखने का फैसला किया है। इसी तरह कई निर्यातक कम्पनियों ने भी शिपमैंट होल्ड की है। हालांकि अटकी हुई खेप का कोई निश्चित डाटा उपलब्ध नहीं है।

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7% तक कम हो गए चावल के दाम 
भारत ईरान को अपने कुल बासमती निर्यात का लगभग 30 प्रतिशत भेजता है लेकिन अमरीका ने ईरान पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए हैं। इससे बासमती चावल निर्यातकों के लिए अब यह मुश्किल खड़ी हो गई है कि ईरान से किस मुद्रा में और किस तरह भुगतान प्राप्त किया जाए। इसे लेकर उन्होंने सरकार से कुछ दिशा-निर्देश देने का आग्रह किया है। निर्यातकों की मुश्किलों की वजह से घरेलू चावल बाजार असमंजस में है। इसके चलते यहां धान के भाव में 5 से 7 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई है। हरियाणा की मंडियों में बासमती के साथ 1121 प्रजाति के लंबे चावल के भाव में भी गिरावट का रुख देखा गया है। मंडियों से जुड़े लोगों को लगता है कि ईरान से निर्यात प्रभावित होने का सीधा असर घरेलू बाजार पर पडऩा है। बासमती निर्यातक ईरान से ताजा निर्यात सौदा करने से बच रहे हैं।

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30 हजार करोड़ रुपए विदेशी मुद्रा 
बासमती धान की खेती हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और जम्मू-कश्मीर में प्रमुखता से होती है। चावल निर्यातकों ने वैश्विक बाजार में अब दूसरे ग्राहकों की तलाश शुरू कर दी है। अखिल भारतीय चावल निर्यातक संघ के मुताबिक अकेले बासमती चावल के निर्यात से 30 हजार करोड़ रुपए की विदेशी मुद्रा प्राप्त होती है। ईरान सरकार से पिछले साल ही एक निर्यात समझौता हुआ था जिसके तहत बासमती निर्यात के मूल्य के बराबर भारत को क्रूड ऑयल मिलना था। गौरतलब है कि भारत ने ईरान से कच्चा तेल खरीदना बंद कर दिया है। अमरीका में भारत के राजदूत ने यह जानकारी दी। इस कदम के बाद भारत एक और नया देश बन गया है जिसने ईरान से कच्चा तेल खरीदना बंद कर दिया है।

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