IRCTC ने वादा करके नहीं दिया फुल रिफंड, यात्रियों ने जताई नाराजगी

Edited By jyoti choudhary,Updated: 17 Apr, 2020 09:48 AM

irctc did not give full refund as promised passengers expressed resentment

रेलवे के वादे के बावजूद लॉकडाउन की अवधि के टिकटों की बुकिंग कैंसिल होने के बाद जारी रिफंड में से कन्वीन्यन्स शुल्क के नाम पर मोटी रकम कटने से यात्रियों ने नाराजगी जताई है।

मुंबईः रेलवे के वादे के बावजूद लॉकडाउन की अवधि के टिकटों की बुकिंग कैंसिल होने के बाद जारी रिफंड में से कन्वीन्यन्स शुल्क के नाम पर मोटी रकम कटने से यात्रियों ने नाराजगी जताई है। रेलवे के सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लॉकडाउन की अवधि को 14 अप्रैल से और 17 दिन बढ़ाने के कारण 15 अप्रैल तथा 3 मई की अवधि के बीच लगभग 39 लाख टिकटों को कैंसिल करना पड़ा है।

दरअसल, आईआरसीटीसी ने जिन टिकटों को कैंसिल किया है, उनमें से नॉन-एसी क्लास के लिए 15 रुपए तथा एसी और फर्स्ट क्लास टिकटों पर कन्वीन्यन्स चार्ज के रूप में 30 रुपए की कटौती की गई है। इसके अलावा, हर कैंसिल टिकट पर उसने पेमेंट गेटवे चार्ज भी वसूल किया है। बीते 14 अप्रैल को लॉकडाउन की अवधि बढ़ने के बाद रेलवे ने अपनी तमाम यात्री सेवाओं को तीन मई तक के लिए निलंबित कर दिया है और अगले आदेश तक अडवांस बुकिंग भी रोक दी है। हालांकि, लॉकडाउन के शुरुआती दिनों में वह 15 अप्रैल से अडवांस बुकिंग कर रही थी।

वादे के बावजूद नहीं मिला पूरा रिफंड
रत्नागिरी सुपरफास्ट एक्सप्रेस की 20 अप्रैल की दो एसी की टिकटें बुक करने वाले डोंबिवली निवासी महेश द्विवेदी कहते हैं, 'जब रेलवे ने खुद टिकटें कैंसिल की हैं, फिर वह प्रॉसेसिंग फी क्यों चार्ज कर रही है? उन्होंने कहा, 'लॉकडाउन को आगे बढ़ाए जाने के बाद मुझे मैसेज मिला कि मेरी टिकटें कैंसिल कर दी गई हैं और इसका रिफंड जल्द ही मेरे अकाउंट में मिल जाएगा। लेकिन जब रिफंड की रकम आई तो वह लगभग 50 रुपए कम थी। जब मैंने इस बारे में और लोगों से पूछा तो पता चला कि फुल रिफंड करने के वादे के बावजूद लोगों को आईआरसीटीसी की वेबसाइट से बुक किए गए टिकटों का पूरा रिफंड नहीं मिला है।'

वेबसाइट के मेंटनेंस में जाता है पैसा
नाम जाहिर न करने की शर्त पर आईआरसीटीसी के एक अधिकारी ने बताया, 'जब कोई ट्रेन कैंसिल होती है तो यात्रियों को पूरा रिफंड दिया जाता है और कन्वीन्यन्स फी के नाम पर बेहद मामूली रकम काटी जाती है। इस रकम का इस्तेमाल वेबसाइट के मेंटनेंस में होता है, जिसपर रोजाना 32 लाख रुपए और सालाना लगभग 125 करोड़ रुपए का खर्च आता है।
 
यात्रियों ने कहा रेलवे ने किया घोटाला
यात्रियों ने ट्विटर पर रेलवे के इस कदम पर अपनी नाराजगी जताई है। शहनाज ईरानी नाम की एक महिला ट्वीट करती हैं, 'अगर रेलवे ने प्रति टिकट 18 रुपए की भी कटौती की है, तो उसने कुल 39 लाख टिकटें कैंसिल की है। इस तरह उसने 39,00,000x18=7,02,00,000 (7 करोड़) की कमाई की है। क्या यह घोटाल नहीं है?'
 

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