Edited By rajesh kumar,Updated: 28 Aug, 2020 11:48 AM
भारतीय बीमा विकास एवं विनियामक प्राधिकरण (इरडा) ने बीमा क्षेत्र की वृद्धि के लिए नवोन्मेषी विचारों के साथ आवेदन मंगाए हैं। नियामक इनका परीक्षण अपने ‘सैंडबॉक्स नियामकीय ढांचे’ के तहत करेगा।
नई दिल्ली: भारतीय बीमा विकास एवं विनियामक प्राधिकरण (इरडा) ने बीमा क्षेत्र की वृद्धि के लिए नवोन्मेषी विचारों के साथ आवेदन मंगाए हैं। नियामक इनका परीक्षण अपने ‘सैंडबॉक्स नियामकीय ढांचे’ के तहत करेगा।
सैंडबॉक्स, सूचना प्रौद्योगिकी की दुनिया से जुड़ा शब्द है। इसमें एक सीमित परीक्षण वातावरण में सॉफ्टवेयर या वेब की सुरक्षा से जुडे परीक्षण किए जाते हैं। डिजिटल अर्थव्यवस्था के दौर में जब किसी नए कारोबारी मॉडल या सेवा को तय नियमों के दायरे में नियामक की देखरेख में परखा जाता है तो उसे ‘सैडबॉक्स नियामकीय ढांचा’ कहा जाता है। अमूमन इस ढांचे के तहत ऐसे कारोबारी मॉडल या विचारों को परखा जाता है जो मौजूदा नियमों के दायरे में नहीं आते। इसमें वित्त प्रौद्योगिकी समाधान भी शामिल हैं।
इरडा ने कहा कि उसने नियामकीय सैंडबॉक्स ढांचा तैयार किया है। इसका उद्देश्य बीमा क्षेत्र की वृद्धि के लिए नवोन्मेषी विचारों को परखना है। इरडा ने कहा कि इसके लिए 15 सितंबर से 14 अक्टूबर के बीच आवेदन जमा कराए जा सकते हैं। यह दूसरा मौका है जब नियामकीय सैडबॉक्स के तहत आवेदन मगाये गये हैं। इससे पहले पिछले साल भी आवेदन मंगाये गये थे जिस पर बीमा कंपनियों सहित अन्य कंपनियों से अच्छी प्रतिक्रिया मिली थी।