Edited By jyoti choudhary,Updated: 30 Apr, 2022 10:16 AM
बीमा नियामक आईआरडीएआई ने शुक्रवार को बैंक, वित्तीय एवं बीमा क्षेत्र (बीएफएसआई) में बीमा कंपनियों के निवेश की सीमा को 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 30 प्रतिशत कर दिया। भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) ने एक परिपत्र में इस फैसले की जानकारी...
नई दिल्लीः बीमा नियामक आईआरडीएआई ने शुक्रवार को बैंक, वित्तीय एवं बीमा क्षेत्र (बीएफएसआई) में बीमा कंपनियों के निवेश की सीमा को 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 30 प्रतिशत कर दिया। भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) ने एक परिपत्र में इस फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि बीमा कंपनियों को अपने कोष से बेहतर रिटर्न पाने के लिए अधिक लचीलापन प्रदान करने के मकसद से निवेश सीमा बढ़ाई जा रही है।
इस परिपत्र के मुताबिक, "प्राधिकरण सभी बीमा कंपनियों को निवेश संपत्ति के 30 प्रतिशत तक हिस्से को वित्तीय और बीमा क्षेत्र में निवेश करने की अनुमति देता है।" इसके साथ ही परिसंपत्तियों के निवेश की सीमा को संशोधित कर 30 प्रतिशत तक कर दिया गया है। जॉपर के सह-संस्थापक एवं मुख्य परिचालन अधिकारी मयंक गुप्ता ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा, "आईआरडीएआई ने हाल के समय में कई अच्छे कदम उठाए हैं। निवेश परिसंपत्तियों की सीमा में वृद्धि एक अच्छा कदम है क्योंकि इससे बीमा कंपनियों को अपनी निवेश रणनीति को अनुकूलित करने के लिए अधिक जगह मिलेगी।"
सिक्योर नाऊ के सह-संस्थापक कपिल मेहता ने कहा कि नियामक के इस फैसले से बीमा कंपनियों को विभिन्न परिसंपत्तियों में निवेश करने और लंबी अवधि में उनके रिटर्न में सुधार करने की सुविधा मिलती है। उन्होंने कहा, "निवेश सीमा पर 30 प्रतिशत का प्रतिबंध अपने-आप में अधिक नहीं है लिहाजा बीमाकर्ता की समग्र सुरक्षा पर भी कोई खतरा नहीं होता है।"