आईएसए की विश्व सौर बैंक गठित करने की योजना, शिखर सम्मेलन आठ सितंबर को

Edited By rajesh kumar,Updated: 18 Aug, 2020 12:39 PM

isa plans to set up world solar bank summit on september 8

अंतरराष्ट्रीय सौर संघ (आईएसए) की सौर परियोजनाओं के वित्त पोषण के लिये 15 अरब डॉलर की अधिकृत पूंजी के साथ विश्व सौर बैंक गठित करने की योजना है। वह इसके लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कर रहा है।

नई दिल्ली: अंतरराष्ट्रीय सौर संघ (आईएसए) की सौर परियोजनाओं के वित्त पोषण के लिये 15 अरब डॉलर की अधिकृत पूंजी के साथ विश्व सौर बैंक गठित करने की योजना है। वह इसके लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कर रहा है। विश्व सौर प्रौद्योगिकी शिखर सम्मेलन के बारे में आयोजित वर्चुअल संवादददता सम्मेलन में आईएसए के महानिदेशक उपेन्द्र त्रिपाठी ने पीटीआई-भाषा से कहा कि इस साल अक्टूबर में अंतरराष्ट्रीय सौर संघ की सालाना बैठक में इसका डीपीआर पेश किया जा सकता है। विश्व सौर प्रौद्योगिक शिखर सम्मेलन अगले महीने आठ सितंबर को होगा।

2022 तक 1,00,000 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन लक्ष्य
भारत ने 2022 तक 1,00,000 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता का लक्ष्य रखा है। इस लिहाज से सौर बैंक गठित करने का कदम महत्वपूर्ण है। केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण के अनुसार इस साल जुलाई तक सौर बिजली उत्पादन क्षमता 35,000 मेगावाट से अधिक हो गयी है। इसके अलावा दुनिया भर में कुल ऊर्जा में नवीकणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिये सौर परियोजनाओं के लिये बड़े पैमाने पर वित्त पोषण की जरूरत है। आईएसए 121 देशों का संघ है। इसका गठन सौर ऊर्जा के लाभ के उपयोग और स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिये वैश्विक बाजार प्रणाली तैयार करने के लिये किया गया है।

पांच साल में बैंक पूंजी 15 अरब डॉलर होगी
त्रि़पाठी ने कहा कि सौर परियोजनाओं के वित्त पोषण के लिये एक विशेष उद्देश्यीय इकाई की जरूरत है। त्रिपाठी ने यह भी कहा कि विभिन्न सौर परियोजनाओं के वित्त पोषण के लिये अगले पांच साल के भीतर बैंक की अधिकृत पूंजी 15 अरब डॉलर होगी। यह उसी रूप से काम करेगा जिस प्रकार विश्वबैंक परियोजनाओं को वित्त पोषण देकर करता है। इससे पहले दिन में प्रथम विश्व सौर प्रौद्योगिकी शिखर सम्मेलन के आठ सितंबर 2020 से डिजिटन तरीके से होने की जानकारी साझा की गयी।

पीएम मोदी करेंगे संबोधित
अगले महीने होने वाले इस सम्मेलन में आईएसए की योजना अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के साथ अगली पीढ़ी की तकनीक को सामने लाना है जो सौर ऊर्जा के अधिक कुशलता से उपयोग की दिशा में प्रयासों को गति देगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करेंगे। इसमें आईएसए के सभी सदस्य देशों के मंत्री और वैश्विक संस्थानों के प्रतिनिधि शामिल होंगे।

सौर ऊर्जा में नवप्रवर्तन का जिक्र करते हुए त्रिपाठी ने कहा, ‘सौर फोटो वाल्विक क्रांति में सदस्य देशों के बीच आपसी सहयोग महत्वपूर्ण स्तंभ रहा है। आईएस को हर घर में बिजली पहुंचाने के अपने सपने को हर हाल में पूरा करना है। इसके लिये नवप्रवर्तनशील और सस्ती प्रौद्योगिकी की जरूरत है। विश्व सौर प्रौद्योगिकी शिखर सम्मेलन इस दिशा में उठाया गया कदम है।’ इस मौके पर आईएसए एसेंबली के अध्यक्ष और केंद्रीय बिजली तथा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने कहा कि आईएसए के दो उद्देश्य हैं...पहला, धरती की सेहत और दुनिया में ऊर्जा की पहुंच में सुधार लाना।

ईईएसएल को मिली बड़ी जिम्मेदारी
उन्होंने कहा कि शिखर सम्मेलन दुनिया के सतत भविष्य के लिये है। इससे पहले, आईएसए सदस्य देशों के लिये ‘सोलर होम सिस्टम’ की वैश्विक नीलामी में चीनी कंपनियों पर पाबंदी की योजना से जुड़े सवाल के जवाब में, त्रिपाठी ने कहा कि आईएसए इस मामले में संयुक्त राष्ट्र चर्टर का अनुकरण करेगा। आईएसए ने सार्वजनिक क्षेत्र की एनर्जी इफीशिएंसी सर्विसेज लिमिटेउ (ईईएसएल) को 4.7 करोड़ सोलर होम सिस्टम के आर्डर की जिम्मेदारी दी है। यह आर्डर करीब 28 अरब डॉलर का है।

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