Edited By Supreet Kaur,Updated: 10 Aug, 2018 01:33 PM
आयकर विभाग आपके हर जमा और खर्च पर डिजीटल नजर रखेगा। इससे कम छापेमारी में ज्यादा टैक्स चोरी पकड़ना संभव हो सकेगा। विभाग ने टैक्स स्क्रूटनी का जाल तकनीक के सहारे इतना फैला लिया है कि रिटर्न दाखिल करने के पहले ही व्यक्ति की जमा-खर्च का लेखा-जोखा सिस्टम...
बिजनेस डेस्कः आयकर विभाग आपके हर जमा और खर्च पर डिजीटल नजर रखेगा। इससे कम छापेमारी में ज्यादा टैक्स चोरी पकड़ना संभव हो सकेगा। विभाग ने टैक्स स्क्रूटनी का जाल तकनीक के सहारे इतना फैला लिया है कि रिटर्न दाखिल करने के पहले ही व्यक्ति की जमा-खर्च का लेखा-जोखा सिस्टम में पहुंच जाता है।
सूत्रों ने बताया कि आयकर विभाग इस साल टैक्स स्क्रूटनी में कमी करेगा। पिछले साल के एक प्रतिशत के मुकाबले केवल 0.35 फीसदी मामलों में स्क्रूटनी होगी। सूत्रों की मानें तो विभाग अब इस नीति पर चल रहा है कि करदाता अगर पूरी ईमानदारी से पैसा कमाते और खर्च करते हैं तो अब आयकर विभाग उनके रिटर्न की स्क्रूटनी नहीं करेगा। इसका फायदा यह होगा कि रिटर्न फाइल करने के बाद विभाग की तरफ से नोटिस आने का झंझट भी खत्म हो जाएगा। साथ ही छापा पड़ने का खतरा भी कम होगा।
आयकर विभाग के नियम 114 डी और 114 ई में मौजूद चीजें वित्तीय लेन-देन को विभाग के कम्प्यूटराइज्ड सिस्टम में सीधे पहुंच जाती हैं। ऐसे में इन जानकारियों को ही मुकम्मल माना जाएगा और रिटर्न की स्क्रूटनी में करीब 150 फीसदी की कमी करने का फैसला किया गया है। इस नियम के दायरे में वे तमाम लेन-देन आते हैं जिनमें पैन कार्ड का इस्तेमाल किया जाता है।
नोटबंदी के बाद 2.09 लाख ने रिटर्न किया दाखिल
वित्त राज्यमंत्री शिव प्रताप शुक्ला ने कहा कि पिछले वित्त वर्ष में ऐसे 2.09 लाख लोगों ने आयकर विभाग को अपनी आय कर का ब्यौरा दिया जो पहले रिटर्न नहीं दाखिल करते थे। ऐसे लोगों से 6,416 करोड़ रुपए का कर प्राप्त हुआ। राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में उन्होंने कहा कि आई.टी. विभाग ने उन 3.04 लाख लोगों को नोटिस जारी किए हैं जिन्होंने नोटबंदी के बाद 10 लाख रुपए से अधिक की नकदी जमा कराई थी लेकिन उन्होंने देय तिथि तक आय का रिटर्न दाखिल नहीं किया था।