Edited By Supreet Kaur,Updated: 25 Jul, 2018 10:56 AM
आयकर विभाग प्रवासी भारतीयों की प्रॉपर्टी पर कड़ी नजर रख रहा है। आने वाले महीनों में आयकर विभाग की नजर ऐसे मामलों पर रहेगी जिनमें प्रवासी भारतीयों की ओर से प्रॉपर्टी की सेल की गई हो या अन्य इंटरनैशनल ट्रांजैक्शंस पर यह डिडक्शन हुआ हो। यही नहीं टैक्स...
बिजनेस डेस्कः आयकर विभाग प्रवासी भारतीयों की प्रॉपर्टी पर कड़ी नजर रख रहा है। आने वाले महीनों में आयकर विभाग की नजर ऐसे मामलों पर रहेगी जिनमें प्रवासी भारतीयों की ओर से प्रॉपर्टी की सेल की गई हो या अन्य इंटरनैशनल ट्रांजैक्शंस पर यह डिडक्शन हुआ हो। यही नहीं टैक्स का अनुपालन न किए जाने को लेकर सर्वे भी कराए जाएंगे।
बीते वित्त वर्ष में आयकर विभाग ने कई नोटिस जारी किए थे, जिनमें शॉर्ट डिडक्शन या टीडीएस में देरी जैसे मामले भी शामिल थे। इनमें से तमाम मामले छोटे कारोबारी प्रतिष्ठानों के खिलाफ भी थे। 31 मार्च, 2019 को समाप्त हो रहे मौजूदा वित्त वर्ष के लिए अपने ऐक्शन प्लान के तहत केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने इसकी तैयारी की है।
बोर्ड का कहना है कि हमारा ऐसे मामलों पर जोर रहेगा, जिसमें किसी प्रवासी भारतीय ने प्रॉपर्टी की खरीद हो। ऐसे मामलों में बायर सिर्फ एक फीसदी ही टीडीएस चुकाता है, जबकि यह 20 फीसदी के करीब होना चाहिए। बोर्ड का कहना है कि ऐसे मामले हाई रिस्क वाले हैं और इनसे प्राथमिकता के आधार पर निपटना चाहिए।