Edited By jyoti choudhary,Updated: 18 Jul, 2018 11:39 AM
जयप्रकाश एसोसिएट्स लि. (जेएएल) को कर्ज दे रखे बैंकों तथा वित्तीय संस्थानों ने उच्चतम न्यायालय से अनुरोध किया कि होल्डिंग कंपनी जेएएल की संपत्ति का उपयोग उसकी अनुषंगी इकाई जेपी इंफ्राटेक
नई दिल्लीः जयप्रकाश एसोसिएट्स लि. (जेएएल) को कर्ज दे रखे बैंकों तथा वित्तीय संस्थानों ने उच्चतम न्यायालय से अनुरोध किया कि होल्डिंग कंपनी जेएएल की संपत्ति का उपयोग उसकी अनुषंगी इकाई जेपी इंफ्राटेक लि. (जेईएल) के मकान खरीदारों का पैसा लौटाने में नहीं किया जाना चाहिए।
जेएएल ने मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्र की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष कहा कि अगर उसे मध्य प्रदेश के रेवा में सीमेंट कारखाना समेत अपनी कुछ चिन्हित संपत्ति बेचने की अनुमति दी जाती है तो वह मकान खरीदारों का पैसा लौटाने के लिए 600 करोड़ रुपए और जमा करने को तैयार है। कंपनी शीर्ष अदालत की रजिस्ट्री में पहले ही 750 करोड़ रुपए जमा कर चुकी है। पीठ में शामिल अन्य न्यायाधीश ए एम खांनविलकर तथा डी वाई चंद्रचूड़ हैं।
बैंकों के समूह तथा आईसीआईसीआई बैंक की अगुवाई वाले वित्तीय संस्थानों की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान ने कहा कि जेएएल अपनी पुनर्गठन योजना के साथ राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी), इलाहबाद के पास गया है। जेएएल की अनुषंगी कंपनी जेआईएल के ऊपर मकान खरीदारों का बकाया है और कंपनी खुर्द-बुर्द प्रक्रिया से गुजर रही है। दोनों मुद्दों को अलग करने की जरूरत बताते हुए दीवान ने पीठ से कहा कि बैंकों तथा वित्तीय संस्थानों ने जेएएल को 21,593 करोड़ रुपए का कर्ज दे रखा है। इसमें से 4,750 करोड़ रुपए आईसीआईसीआई बैंक ने दिया है।