किसानों को सालाना मिल सकती है 6000 रुपए से ज्यादा सहायता राशि, जेटली ने दिए संकेत

Edited By jyoti choudhary,Updated: 03 Feb, 2019 04:27 PM

jaitley hints at raising rs 500 a month cash support to farmers in future

केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने रविवार को संकेत दिया कि किसानों को सालाना 6,000 रुपए के न्यूनतम सहायता राशि को भविष्य में बढ़ाया जा सकता है। वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने 2019-20 के बजट में किसानों को सालाना 6,000 रुपए की न्यूनतम

न्यूयॉर्कः केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने रविवार को संकेत दिया कि किसानों को सालाना 6,000 रुपए के न्यूनतम सहायता राशि को भविष्य में बढ़ाया जा सकता है। वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने 2019-20 के बजट में किसानों को सालाना 6,000 रुपए की न्यूनतम सहायता देने की घोषणा की है। किसानों को यह राशि तीन किस्तों में दी जाएगी। इस लिहाज से यह 500 रुपए मासिक बैठती है।

जेटली ने कहा कि सरकार के संसाधन बढ़ेंगे जिससे भविष्य में किसानों को दी जाने वाली सालाना राशि को बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि राज्य इस राशि के ऊपर अपनी ओर से आय समर्थन योजनाओं की घोषणा कर सकते हैं। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा इस योजना की आलोचना के लिए उन पर हमला बोला। गांधी ने कहा है कि सरकार किसानों को प्रतिदिन 17 रुपए देकर उनका अपमान कर रही है। 

जेटली ने कहा कि विपक्ष के नेता को ‘‘परिपक्व होना चाहिए’’ और उन्हें यह समझना चाहिए कि वह किसी कॉलेज यूनियन का चुनाव नहीं राष्ट्रीय चुनाव लडऩे जा रहे हैं। जेटली ने कहा, ‘‘12 करोड़ छोटे और सीमान्त किसानों को हर साल 6,000 रुपए दिए जाएंगे। इसके अलावा सरकार की योजना उन्हें घर देने, सब्सिडी पर खाद्यान्न देने, मुफ्त चिकित्सा सुविधा देने, मुफ्त साफसफाई की सुविधा देने, बिजली, सड़क, गैस कनेक्शन देने की योजना तथा दोगुना कर्ज सस्ती दर पर देने जैसी सभी योजनाएं किसानों की दिक्कतों को दूर करने से जुड़ी हैं।’’ 

उन्होंने कहा कि किसानों को न्यूनतम आय समर्थन देने का यह पहला साल है। मुझे भरोसा है कि सरकार के संसाधन बढऩे के साथ इस राशि को भी बढ़ाया जा सकता है। करीब 15 करोड़ भूमिहीन किसानों को इस योजना में शामिल नहीं करने के बारे में जेटली ने कहा कि उनके लिए ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना मनरेगा और कई अन्य लाभ हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की अगुवाई वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार कौन सा सबसे बड़ा काम करने का दावा करती है? पी चिदंबरम ने 70,000 करोड़ रुपए का कृषि ऋण माफ करने की घोषणा की थी। लेकिन वास्तव में सिर्फ 52,000 करोड़ रुपए वितरित किए गए। कैग ने भी कहा है कि इसमें एक बड़ी राशि व्यापारियों और कारोबारियों के पास चली गई। इस तरह से यह एक धोखाधड़ी है।

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